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केजीएमयू ने रचा इतिहास: NAAC मूल्यांकन में मिला A++ ग्रेड, जानें सफलता का पूरा राज़!

KGMU Get A++ : चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी KGMU, लखनऊ को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद NAAC द्वारा A++ ग्रेड से सम्मानित किया गया है. विश्वविद्यालय को यह प्रतिष्ठित मान्यता 3.67 के उत्कृष्ट CGPA स्कोर के साथ प्राप्त हुई है, जो देश के किसी भी सरकारी मेडिकल विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. यह मान्यता न केवल विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को दर्शाती है, बल्कि यह पूरे राज्य और राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है.


कुलपति प्रो. सोनिया नित्यनंद की भूमिका

केजीएमयू में प्रोफेसर सोनिया नित्यनंद ने 9 अगस्त 2023 को कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था. उनके कार्यकाल के शुरूआती दौर में ही विश्वविद्यालय को A+ ग्रेड मिला था. इसके बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनका लक्ष्य सिर्फ A+ से संतुष्ट होना नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है. उन्होंने एक समर्पित और परिणाम देने वाली कार्ययोजना के माध्यम से संपूर्ण प्रशासनिक एवं अकादमिक ढांचे को मजबूत किया. विश्वविद्यालय के शोध प्रकाशनों, फैकल्टी डेवलपमेंट, छात्रों की भागीदारी, और डिजिटलाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया गया.

उनके नेतृत्व में केजीएमयू ने न केवल पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार किया, बल्कि रोगी देखभाल, अनुसंधान नवाचार, और सामाजिक सेवा में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की. उन्होंने विश्वविद्यालय में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और नवाचार-संचालित संस्कृति को प्रोत्साहित किया.


NAAC मूल्यांकन की प्रक्रिया और केजीएमयू का प्रदर्शन

NAAC द्वारा उच्चतर शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन कई मानकों के आधार पर किया जाता है जैसे कि शैक्षणिक प्रक्रिया, प्रशासनिक दक्षता, छात्र सेवाएं, सामाजिक उत्तरदायित्व, शोध की गुणवत्ता और आधारभूत संरचना. केजीएमयू ने सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन कर A++ ग्रेड प्राप्त किया. NAAC द्वारा दी गई 3.67 की CGPA बताती है कि विश्वविद्यालय की गुणवत्ता भारत के उच्चतम शैक्षणिक मानकों के समकक्ष है.

उल्लेखनीय है कि मूल्यांकन समिति ने केजीएमयू की शोध परियोजनाओं, चिकित्सीय सेवाओं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समाज सेवा अभियानों की भी सराहना की. विश्वविद्यालय की स्वास्थ्य सेवाएं न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा बनी हुई हैं.


IQAC की अहम भूमिका

इस ऐतिहासिक उपलब्धि को प्राप्त करने में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ IQAC की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही. IQAC प्रमुख प्रो. राजीव गर्ग के नेतृत्व में एक सशक्त और सुव्यवस्थित रणनीति अपनाई गई, जिसके तहत विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग को सक्रिय रूप से शामिल किया गया. नियमित ऑडिट, फैकल्टी प्रशिक्षण, छात्रों की प्रतिक्रिया प्रणाली, और दस्तावेज़ीकरण को उच्च प्राथमिकता दी गई. हर स्तर पर डाटा आधारित निर्णय प्रणाली को लागू किया गया जिससे संस्थान की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार हुआ.


मुख्यमंत्री और कुलाधिपति का मार्गदर्शन

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यनंद ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष आभार व्यक्त किया, जिनके मार्गदर्शन, नीति समर्थन और सहयोग से यह उपलब्धि संभव हो सकी. राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए निवेश, मेडिकल शिक्षा में सुधार और स्वायत्त संस्थानों को सशक्त बनाने की पहल ने केजीएमयू को यह ऊँचाई छूने में मदद की.


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कदम

विश्वविद्यालय को A++ मान्यता केवल एक प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय और वैश्विक मंचों पर प्रतिष्ठा दिलाने का भी पत्र है. इससे विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय सहयोग, संयुक्त अनुसंधान, छात्र-विनिमय कार्यक्रमों और वैश्विक फंडिंग एजेंसियों के साथ काम करने के अधिक अवसर मिलेंगे. यह कदम भविष्य में केजीएमयू को भारत के प्रमुख मेडिकल रिसर्च और इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

इस गौरवपूर्ण अवसर पर केजीएमयू मीडिया सेल के प्रभारी प्रोफेसर के.के. सिंह ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, यह केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि संपूर्ण केजीएमयू परिवार की एकता, मेहनत और समर्पण का परिणाम है, यह उपलब्धि हमें और अधिक जिम्मेदार बनाती है कि हम  देश के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं और शिक्षा प्रदान करते हैं.


लखनऊ विश्वविद्यालय के फार्मूले से मिली सफलता

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को NAAC से A++ ग्रेड दिलाने में लखनऊ विश्वविद्यालय की रणनीति निर्णायक साबित हुई. दरअसल, KGMU ने नैक मूल्यांकन की तैयारी में लवि के फार्मूले को अपनाया, जिसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपनी मान्यता बढ़ाने के लिए प्रभावी रूप से लागू किया था.

विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, KGMU प्रशासन ने लवि के कुलपति प्रो. आलोक राय से मार्गदर्शन लिया. उनके अनुभव और सुझावों के आधार पर KGMU में भी विभागवार टीमें गठित की गईं और प्रत्येक मानक के अनुसार विशेष कार्ययोजना बनाई गई. यह पूरी योजना राज्यपाल आनंदिबेन पटेल के निर्देशों के तहत तैयार की गई थी, जिन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अन्य विश्वविद्यालयों से सीखकर KGMU को अपनी ग्रेडिंग सुधारनी चाहिए.


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