
अहम बातें एक नजर में:
- भारत–चीन के बीच सितंबर 2025 से फिर शुरू होंगी सीधी उड़ानें.
- एयर इंडिया और इंडिगो को तैयारी के निर्देश मिल चुके हैं.
- शुरूआती रूट: दिल्ली-बीजिंग, दिल्ली-शंघाई, मुंबई-ग्वांगझोउ.
- 5 साल से बंद थीं उड़ानें, COVID-19 और गलवान विवाद के कारण.
- SCO सम्मेलन के दौरान आधिकारिक घोषणा की संभावना.
- उड़ानों से व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.
India-China Flights : सोचिए, अगर आपको दिल्ली से सीधा बीजिंग या मुंबई से ग्वांगझोउ जाने का मौका मिल जाए, वो भी बिना किसी लंबी ट्रांजिट झंझट के, तो आपका सफर कितना आसान और मजेदार बन सकता है! जी हां, पांच साल से ठप पड़ी भारत-चीन की सीधी उड़ानें (Direct flights) अब फिर से शुरू होने जा रही हैं. मोदी सरकार ने एयर इंडिया और इंडिगो को तैयारी के साफ संकेत दे दिया है, और उम्मीद है कि सितंबर 2025 से यात्री सीधे चीन की धरती पर कदम रख सकेंगे. यह फैसला सिर्फ यात्रियों के लिए खुशखबरी नहीं है, बल्कि भारत-चीन रिश्तों में एक नई गर्माहट की शुरुआत होगी.
जानें कौन-कौन से शहर जोड़े जाएंगे?
हालांकि शुरुआत में तीन रूट्स पर उड़ानें बहाल करने की योजना है, दिल्ली से बीजिंग, दिल्ली से शंघाई और मुंबई से ग्वांगझोउ. यानि साफ कहा जाए तो इसका मतलब यह हुआ कि भारत के तीन बड़े शहर सीधे चीन के अहम कारोबारी और सांस्कृतिक केंद्रों से जोड़े जाएंगे.
पिछले पांच साल से ठप थीं उड़ानें
बता दें, COVID-19 महामारी और जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से भारत-चीन के बीच सीधी यात्री उड़ानें बंद कर दी गई थीं. वहीं लगभग पांच साल बाद यह सेवा बहाल होने जा रही है. जनवरी 2025 में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच बातचीत में इस पर सिद्धांततः सहमति बनाई गई थी, लेकिन तारीख तय नहीं हुई थी.
कैसे बनी सहमति?
अप्रैल 2025 में दोनों देशों के नागरिक विमानन मंत्रालयों ने कई दौर की बातचीत की, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. अब, SCO (शंघाई सहयोग संगठन) सम्मेलन की पृष्ठभूमि में यह फैसला तेजी से आगे बढ़ा है. उम्मीद है कि आधिकारिक घोषणा इसी सम्मेलन के दौरान या उसके आसपास हो सकती है.
क्या होगा फायदा?
इन उड़ानों के शुरू होने से न सिर्फ व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक आदान-प्रदान भी आसान होगा. छात्रों, कारोबारियों और पर्यटकों को अब वीजा मिलने के बाद सीधे चीन जाने की सुविधा मिल जाएगी, बिना किसी तीसरे देश में ट्रांजिट किए.
कुल मिलाकर, मोदी सरकार का यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने की दिशा में एक अहम पहल है. अब बस आधिकारिक ऐलान का इंतजार है, ताकि यात्री अपने टिकट बुक कर सकें और पांच साल पुराने इस हवाई सफर को फिर से जी सकें.
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