
Independence day : 79 वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट एक-दूसरे से श्रेष्ठ या निम्न नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम किसी हाईकोर्ट के कॉलेजियम को जज पद के लिए किसी विशेष नाम की सिफारिश करने का निर्देश नहीं दे सकता.
सीजेआई गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम भी हाईकोर्ट कॉलेजियम को नामों की सिफारिश करने का निर्देश नहीं दे सकता. सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट से श्रेष्ठ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ही संवैधानिक अदालतें हैं और जहां तक संवैधानिक व्यवस्था का प्रश्न है, वे न तो एक-दूसरे से निम्नतर हैं और न ही श्रेष्ठ इसलिए जजों की नियुक्ति पर पहला फैसला हाईकोर्ट कॉलेजियम को लेना होता है.
यह वास्तव में मददगार साबित हुई
सीजेआई ने कहा कि जब पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इसके प्रमुख थे, तब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उम्मीदवारों के साथ बातचीत की प्रथा शुरू की थी और यह वास्तव में मददगार साबित हुई. उम्मीदवारों के साथ 10 मिनट, 15 मिनट या आधे घंटे की बातचीत के बाद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम यह पता लगा सकता है कि वे समाज में योगदान के लिए कितने उपयुक्त होंगे.
सीजेआई गवई ने कहा कि हम सिर्फ हाईकोर्ट कॉलेजियम को नामों की सिफारिश करते हैं और उनसे नामों पर विचार करने का अनुरोध करते हैं और जब वे इस बात से संतुष्ट हो जाते हैं कि उम्मीदवार नियुक्ति के योग्य हैं, तभी उनके नाम सुप्रीम कोर्ट के पास आते हैं.
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