Delhi NCRबड़ी ख़बर

महाराष्ट्र में सोयाबीन खरीदी की समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाई गई, केंद्रीय कृषि मंत्री ने दी जानकारी

Delhi : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जारी है और अब तक हम 13 लाख से अधिक मीट्रिक टन सोयाबीन खरीद चुके हैं और ये खरीद अभी जारी रहेगी। आज महाराष्ट्र की सरकार की तरफ मांग की गई कि सोयाबीन की खरीदी की समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाई जाए। महाराष्ट्र की समय सीमा बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी गई है।

राजस्थान की सरकार ने भी सोयाबीन की खरीदी की समय सीमा 4 फरवरी तक बढ़ाने की मांग की है, इसलिए राजस्थान में भी 4 फरवरी 2025 तक सोयाबीन की खरीदी जारी रहेगी। तेलंगाना राज्य ने अतिरिक्त खरीदी की मांग की थी, तो उसे भी बढ़ाया गया है।

हाल के दिनों में सोयाबीन किसानों को सबसे अधिक परेशान देखा गया क्योंकि समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद नहीं होने से उनकी कई शिकायतें रहीं। किसानों ने यह भी कहा कि उनकी उपज की खरीद एमएसपी पर नहीं हो रही है। साथ ही इसका रेट इतना कम चल रहा है कि वे खेती की लागत भी नहीं निकाल पाएंगे। किसानों की इन समस्याओं का समाधान करते हुए कृषि मंत्री ने एमएसपी में बढ़ोतरी और खरीद की अवधि भी बढ़ाने का ऐलान किया था। अब इसकी तारीख बढ़ने से किसानों ने राहत की सांस ली है।

https://twitter.com/AHindinews/status/1878801629631369591

वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंजूरी

आज भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) ने 56 नई वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य मिट्टी के कटाव को रोकना, मिट्टी के संरक्षण को बढ़ावा देना और भूजल स्तर को पुनर्जीवित करना है। ये फैसले भूमि संसाधन विभाग द्वारा किए गए हैं, जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) के तहत वाटरशेड विकास कार्य चला रहा है। इस योजना का लक्ष्य देश के बंजर और वर्षा सिंचित क्षेत्रों का विकास करना है।

हर सोमवार को होगी साप्ताहिक समीक्षा की बैठक

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की साप्ताहिक समीक्षा बैठक की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कृषि और किसानों के मुद्दे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और खेती की स्थितियों में निरंतर बदलाव आता रहता है, इसलिए हर सोमवार को कृषि की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। अपवादस्वरूप अगर कोई ऐसा कारण आ गया कि सोमवार को समीक्षा नहीं हो सकती है तो एक-दो दिन आगे पीछे करेंगे, लेकिन साप्ताहिक समीक्षा होगी। चौहान ने कहा कि किसानों का तकलीफें दूर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हर अधिकारी-कर्मचारी को इस पर संवेदनशील होना चाहिए।

चौहान ने बताया कि इस साप्ताहिक समीक्षा में फसलों की स्थिति, उनके स्वास्थ्य, रोगों की पहचान और उनकी रोकथाम के उपायों की चर्चा की जाएगी। यदि किसी क्षेत्र में फसलों में रोगों का असर देखा गया, तो त्वरित उपाय किए जाएंगे और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को भी सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, पेस्टिसाइड्स की कीमतों पर भी निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसानों को निर्धारित मूल्य पर उचित दवाइयां मिल सकें।

इन मुद्दों पर होगी समीक्षा 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि साप्ताहिक समीक्षा में मौसम की स्थिति का फसलों पर प्रभाव, फसल के उत्पादन का अनुमान और बाजार में आने वाली संभावित उपज पर भी विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, अगर मौसम की प्रतिकूलता के कारण फसलें प्रभावित होती हैं, तो उसके नुकसान का आकलन किया जाएगा और फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सहायता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह बैठकें सिर्फ आंकड़ों और रिपोर्टों का विश्लेषण नहीं होंगी, बल्कि हर आवश्यक कदम किसानों के कल्याण, फसल सुरक्षा और कृषि उत्पादन के बेहतर भविष्य के लिए उठाए जाएंगे।

यह भी पढ़ें : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, जानिए इसके कारण

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button