
अहम बातें एक नजर में:
- सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति.
- उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 452 वोटों से हराया.
- उपराष्ट्रपति को राज्यसभा सभापति के वेतन के तौर पर 4 लाख रुपये प्रति माह मिलेगा.
- उन्हें सरकारी बंगला, Z+ सुरक्षा, और बुलेटप्रूफ गाड़ी जैसी सुविधाएं मिलेंगी.
- देश और विदेश की यात्राओं का खर्च सरकार उठाएगी.
- सेवानिवृत्ति के बाद 2 लाख रुपये प्रति माह पेंशन, बंगला और स्टाफ की सुविधा.
- परिवार को भी जीवनभर सरकारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति और राष्ट्रपति पद खाली होने पर अस्थायी रूप से राष्ट्रपति का कार्य करेंगे.
Vice President CP Radhakrishnan : जब देश की राजनीति की किताब में नया पन्ना खुलता है, तो हर निगाह उसी पर टिक जाती है। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने यह साबित कर दिया कि हुनर, होशियारी और जनता की उम्मीदें उन्हें सबसे आगे ले जा सकती हैं. विपक्षी उम्मीदवार को करारी शिकस्त देने के बाद 452 वोटों के शानदार बहुमत के साथ भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने वाले राधाकृष्णन ने सिर्फ जीत हासिल नहीं की, बल्कि यह भी दिखा दिया कि मेहनत, इरादों की ताकत और देशभक्ति के सामने कोई भी चुनौती टिक नहीं सकती. आइए, जानते हैं उनके इस नए सफर की हर खास बात…उनकी सैलरी, सरकारी सुविधाएं, जिम्मेदारियां और वह शानदार जिंदगी जो उनके चुनाव से जुड़ी है.
उपराष्ट्रपति की सैलरी
उपराष्ट्रपति को सीधे वेतन नहीं मिलता. उन्हें राज्यसभा के सभापति के तौर पर वेतन दिया जाता है, जो फिलहाल 4 लाख रुपये प्रति माह है. यानी सीपी राधाकृष्णन भी इसी वेतन के हकदार होंगे.
उपराष्ट्रपति को मिलने वाली सुविधाएं
उपराष्ट्रपति के लिए कई शानदार सुविधाएं हैं. उन्हें सरकारी बंगला दिया जाता है, सुरक्षा के लिए Z+ कवर और बुलेटप्रूफ गाड़ी भी मुहैया कराई जाती है. देश और विदेश की यात्राओं का खर्च भी सरकार उठाती है. इसके अलावा उन्हें दैनिक भत्ते और मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.
पद छोड़ने के बाद की पेंशन
सेवानिवृत्ति के बाद भी पूर्व उपराष्ट्रपति की जिंदगी आरामदायक बनी रहती है. उन्हें टाइप-8 बंगला, निजी सचिव और स्टाफ दिया जाता है. उनकी मासिक पेंशन, राज्यसभा के पूर्व सभापति के तौर पर, वर्तमान वेतन का आधा यानी 2 लाख रुपये प्रति माह तय होती है.
परिवार के लिए सुविधाएं
यदि किसी पूर्व उपराष्ट्रपति का निधन हो जाता है, तो उनकी पत्नी को जीवनभर सरकारी सुविधाएं मिलती हैं. इसमें टाइप-7 बंगला, सुरक्षा और अन्य जरूरी सेवाएं शामिल हैं.
उपराष्ट्रपति के कर्तव्य
भारत के उपराष्ट्रपति के जिम्मे कई अहम कर्तव्य होते हैं. वे राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और संसदीय कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं. साथ ही, राष्ट्रपति के पद खाली होने पर वे अस्थायी रूप से राष्ट्रपति का कार्य भी निभाते हैं. सीपी राधाकृष्णन की यह उपलब्धि केवल राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि देश की सेवा का नया अवसर भी है. अब उनका सफर न सिर्फ संसद में बल्कि पूरे देश की सेवा में भी शुरू हो गया है.
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