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भूकंप के झटकों से कांपा पूर्वोत्तर भारत, 5.8 की तीव्रता से गरजी धरती, असम रहा केंद्र

Earthquake : रविवार को पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटकों ने लोगों को चौंका दिया. असम के उदलगुरी ज़िले में शाम लगभग 4:41 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, झटकों की गहराई लगभग 5 किलोमीटर थी और यह कई जिलों में महसूस किए गए. घबराए हुए लोग घरों और इमारतों से बाहर निकल आए, लेकिन राहत की बात यह रही कि अब तक किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है.

अलर्ट पर आपदा प्रबंधन टीम

अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, हालांकि किसी भी इमरजेंसी की ज़रूरत नहीं पड़ी. पूर्वोत्तर भारत खासकर असम, भूकंपीय दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, जहां समय-समय पर हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.

पिछले कुछ वर्षों में यह इलाका कई बार कंपन का अनुभव कर चुका है. वर्ष 2021 में सोनितपुर जिले में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने कई कस्बों और गांवों में इमारतों को नुकसान पहुंचाया था. उस घटना के बाद से राज्य सरकार ने भूकंप की संभावनाओं को लेकर अलर्ट सिस्टम को और सशक्त किया है.

क्यों आते हैं भूकंप

भूकंप से जुड़े वैज्ञानिक कारणों पर नजर डालें तो भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, पृथ्वी की ऊपरी परत कई टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है. जब ये प्लेटें आपस में टकराती या खिसकती हैं, तो ऊर्जा का विस्फोट होता है जो ज़मीन के भीतर कंपन पैदा करता है. यही कंपन जब सतह तक पहुंचता है, तो उसे भूकंप के रूप में महसूस किया जाता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि रिक्टर स्केल पर 7.0 से ऊपर के भूकंप अत्यधिक खतरनाक माने जाते हैं, जबकि 4.5 से ऊपर की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों को नुकसान हो सकता है. 2.0 या उससे कम तीव्रता वाले भूकंप अक्सर महसूस भी नहीं होते और उन्हें सूक्ष्म श्रेणी में गिना जाता है.

अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील

हालांकि इस बार का भूकंप मध्यम श्रेणी में रहा, फिर भी प्रशासन और आम जनता दोनों सतर्क नजर आए. स्थानीय अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी सहायता केंद्र से संपर्क करें.

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