Uttar Pradeshराज्य

CM योगी आदित्यनाथ ने रोजगार महाकुंभ 2025 का शुभारंभ किया, युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने का संकल्प

CM Yogi At Rozgar Mahakumbh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ-2025 का शुभारंभ करने  पहुंचे. इस मौकै पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा अपार ऊर्जा के स्रोत हैं. युवाओं ने अपनी प्रतिभा व सामर्थ्य से औद्योगिक क्षेत्र को लाभान्वित किया है. प्रदेश के युवाओं की प्रतिभा व सामर्थ्य की मांग देश और दुनिया में हो रही है. रोजगार महाकुंभ-2025 के अवसर पर यहां इंडस्ट्री और एम्प्लॉयर एक साथ जुड़ रहे हैं. एक ओर संस्थाएं रोजगार देने के लिए उत्सुक हैं, तो दूसरी ओर स्किल डेवलपमेंट के साथ जुड़कर युवा रोजगार प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं.

तीन दिवसीय कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात सीएम योगी ने अपने विचार भी व्यक्त किए. इस दौरान उन्होंने नव चयनित युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरित किए. उन्होंने रोजगार मिशन सोसाइटी के ‘लोगो’ का लोकार्पण, श्रम न्याय सेतु पोर्टल, औद्योगिक न्यायाधिकरण की वेबसाइट, ई-कोर्ट पोर्टल एवं अटल आवासीय विद्यालयों में इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल का शुभारंभ किया.

युवा अपने उद्योगों से दे रहे रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विगत आठ वर्षों में संचालित योजनाओं के परिणामस्वरूप यहां के युवा स्वयं अपना उद्यम स्थापित कर अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने परंपरागत उद्यमों के विकास की संभावनाओं को देखते हुए ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना संचालित की. परिणामस्वरूप सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में 96 लाख इकाइयों को पुनर्जीवित कर करोड़ों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया.

कोरोना कालखंड में एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया. उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की पंजीकृत इकाइयों को 5 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर प्रदान किया गया है. इन इकाइयों के माध्यम से प्रदेश में करोड़ों युवाओं को रोजगार मिला है.

आत्मनिर्भरता, विकसित भारत की आधारशिला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत की आधारशिला बन रही है. लोकल स्तर पर उत्पादन तथा युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने वाली इकाइयां आत्मनिर्भर भारत का आधार बन रही हैं. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना होगा. आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश ही विकसित उत्तर प्रदेश की आधारशिला बनेगा.

युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की श्रृंखला में प्रदेश में हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान तथा पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इन योजनाओं के माध्यम से बढ़ई, राजमिस्त्री, सुनार, कुम्हार, मोची, नाई आदि परंपरागत कारीगरों को जोड़कर परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा दिया जा रहा है. योजना के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ सस्ता, सुलभ व सुगम ऋण तथा टूलकिट उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

हस्तशिल्पियों को मिल रहा सम्मान, युवाओं को ब्याजमुक्त ऋण की भी सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के नेतृत्व में परंपरागत हस्तशिल्पियों को सम्मान मिल रहा है और उन्हें रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. प्रदेश में 24 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारंभ किया गया है. अब तक 70 हजार युवा इस अभियान से जुड़कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर चुके हैं. बिना भेदभाव 21 से 40 वर्ष तक के युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार उद्यम स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है.

योजना के अंतर्गत युवाओं को ब्याजमुक्त, गारंटीमुक्त ऋण तथा 10 प्रतिशत मार्जिन मनी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. विगत आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस में 2 लाख 19 हजार युवाओं की भर्ती की गई है. प्रदेश में 1 लाख 56 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ सम्पन्न किया गया है. साढ़े आठ लाख युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी प्रदान की गई है.

अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है. इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश निवेश के लिए बेहतरीन गंतव्य बन गया है. अब तक 33 से अधिक सेक्टोरियल पॉलिसीज तैयार की गई हैं. हर सेक्टर की एक अलग नीति है. निवेशक ‘इन्वेस्ट यूपी’ पोर्टल पर जाकर वांछित सेक्टर की जानकारी प्राप्त कर सकता है.

निवेशकों की सहायता हेतु सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म ‘निवेश मित्र’ और ‘निवेश सारथी’ की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. निवेश के पश्चात निवेशकों को ऑनलाइन इंसेंटिव उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. वर्ष 1947 से 2017 तक जितना इन्सेन्टिव प्रदेश को नहीं मिला, उतना पिछले आठ वर्षों में दिया गया है. परिणामस्वरूप, 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके हैं. इनके माध्यम से 60 लाख से अधिक युवाओं को स्थानीय रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन लागू करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में है. यूपी स्टार्टअप मिशन के अंतर्गत प्रदेश में बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं. युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक टेक्नोलॉजी और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी अनेक न्यू एज टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जा रहा है. इनसे संबंधित पाठ्यक्रम, वर्कशॉप तथा लैब्स स्थापित कराए जा रहे हैं.

हब एंड स्पोक मॉडल से प्रशिक्षण का बेहतरीन मंच युवाओं को प्रदान किया जा रहा है. आज प्रदेश के युवाओं की मांग दुनिया के अनेक देशों में हो रही है. पहले उन्हें भाषा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार उन्हें जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, जापानी आदि भाषाओं में पारंगत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है.

युवाओं के लिए निगन, मिलेगी न्यूनतम वेतन की गारंटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक निगम का गठन किया जा रहा है. इसके अंतर्गत प्रदेश में कार्य करने वाले युवाओं को न्यूनतम वेतन की गारंटी प्रदान की जाएगी. नियोक्ता एवं नियुक्ति पाने वाले को श्रम एवं सेवायोजन पोर्टल से जुड़ना होगा. नियोक्ता यह सुनिश्चित करेगा कि वह कार्मिक को निर्धारित वेतन समय पर उपलब्ध कराए. किसी कार्मिक के वेतन में किसी प्रकार की कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रतिभाशाली युवाओं को शोषण से बचाने के लिए इस व्यवस्था को जल्द ही आगे बढ़ाया जाएगा. इसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार की गारंटी तथा आगे बढ़ने का प्लेटफॉर्म मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इंस्टिट्यूशन को इंडस्ट्री से जोड़ने का काम किया जा रहा है. हमें बाजार तथा इंडस्ट्री की मांग के अनुसार आईटीआई, पॉलीटेक्निक आदि संस्थानों में डिग्री व डिप्लोमा कोर्सेस प्रारंभ करने चाहिए. प्रत्येक टेक्नोलॉजी हमेशा एक जैसी नहीं रहती, समय के अनुरूप बदलाव आवश्यक है.

कार्यक्रम में श्रम न्याय सेतु पोर्टल का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें श्रमिकों के लिए त्वरित और पारदर्शी न्याय तथा श्रम विवादों के ऑनलाइन शीघ्र समाधान की व्यवस्था की गई है. डिजिटलीकरण के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया को और सुगम बनाने का प्रयास किया गया है. विवाद निपटारे में दक्षता और समयबद्धता सुनिश्चित की गई है. श्रम अधिकारों से जुड़ी सेवाओं को 24 घंटे उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है.

श्रमिक और अन्नदाता खुशहाल, तो देश भी होगा खुशहाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब श्रमिक व अन्नदाता किसान खुशहाल होगा, तब देश खुशहाल होगा. जब श्रमिक आगे बढ़ेगा, युवा शक्ति को रोजगार मिलेगा, तब विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी. उद्यम चलेंगे, तो श्रमिक को रोजगार मिलेगा. उद्यम चलने चाहिए, लेकिन श्रमिकों का शोषण नहीं होना चाहिए. इसकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की गई है.

अटल आवासीय विद्यालयों को इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल से जोड़ा गया है. ये विद्यालय बीओसी बोर्ड से जुड़े श्रमिकों के 18 हजार बच्चों के लिए लॉजिंग तथा फूडिंग के साथ निःशुल्क अत्याधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराते हैं. प्रदेश में अटल आवासीय विद्यालय बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त हैं. इनकी तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत पहले चरण में इंटीग्रेटेड कैंपस युक्त 57 मुख्यमंत्री अभ्युदय और कंपोजिट विद्यालयों की स्थापना का कार्य प्रारंभ किया गया है.

अन्य गणमान्य लोग भी रहे मौजूद

कार्यक्रम को श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन से संबंधित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई. कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन एम0के0एस0 सुंदरम, श्रम आयुक्त मार्कण्डेय शाही, रोजगार निदेशक नेहा प्रकाश, इकोनॉमिक टाइम्स के एसोसिएट एडिटर अर्पित गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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