
अहम बातें एक नजर में:
- 29,000 स्कूल बंद नहीं, इंटीग्रेटेड कैंपस में तब्दील
- स्कूल चलो अभियान और ऑपरेशन कायाकल्प से शिक्षा में सुधार
- बालवाटिका व प्री-प्राइमरी कक्षाओं की शुरुआत
- 100 करोड़ का सीएम पोषण मिशन पैकेज
- ड्रॉपआउट दर में भारी कमी, 40 लाख नए छात्र जुड़े
- आईटीआई में एआई, रोबोटिक्स, स्पेस टेक्नोलॉजी कोर्स
- 8.5 लाख युवाओं को रोजगार, महिला भागीदारी 35%
- 7,200 स्टार्टअप और 50 इनक्यूबेटर सक्रिय
UP Education Reform : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष द्वारा लगाए गए 29,000 स्कूल बंद करने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक मज़बूत और आधुनिक हुई है. उन्होंने कहा कि स्कूल बंद नहीं हो रहे, बल्कि उन्हें बेहतर सुविधाओं के साथ इंटीग्रेटेड कैंपस में बदला जा रहा है. सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि ये ऐसे स्कूल हैं जिनमें 50 से कम छात्र हैं और जो 1 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं. इनका पेयरिंग बड़े और सुसज्जित कैंपस से किया जा रहा है, ताकि छात्र-शिक्षक अनुपात 22:1 रखा जा सके और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो.
स्कूल चलो अभियान और ऑपरेशन कायाकल्प से बदली तस्वीर
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 से पहले प्रदेश के 1,56,000 बेसिक व संबद्ध विद्यालयों की स्थिति बेहद खराब थी. शिक्षक-छात्र अनुपात असंतुलित था, ढांचागत सुविधाओं का अभाव था और ड्रॉपआउट दर देश में सबसे अधिक थी. जुलाई 2017 में शुरू हुए स्कूल चलो अभियान और ऑपरेशन कायाकल्प के तहत हर विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, ग्रामवासी और पूर्व छात्र को स्कूल गोद लेने का आह्वान किया गया. इसके नतीजे में आज स्कूलों में फर्श, अलग शौचालय, पेयजल, बिजली, सोलर पैनल, डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, खेल मैदान और बैठने की बेहतर सुविधाएं हैं. बच्चों को दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते और मोज़े मुफ्त मिल रहे हैं.
बालवाटिका और पोषण मिशन की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो विद्यालय बचेंगे वहां पर 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए बालवाटिका और प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें एलकेजी, यूकेजी और नर्सरी की पढ़ाई होगी. इसके साथ ही यहां पर सीएम पोषण मिशन के लिए 100 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है, ताकि कुपोषण और एनीमिया से पीड़ित बच्चों को विशेष आहार दिया जा सके.
ड्रॉपआउट दर में कमी और इंटर कॉलेजों का कायाकल्प
सीएम योगी ने कहा कि 2017 के बाद से ड्रॉपआउट दर में भारी कमी आई है और 40 लाख अतिरिक्त बच्चे स्कूल से जुड़े हैं. प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 75 साल पुराने इंटर कॉलेजों का नवीनीकरण, नई प्रयोगशालाएं, स्मार्ट क्लास और पेयजल व्यवस्था की जा रही है.
तकनीकी शिक्षा में आधुनिक कोर्स और नए संस्थान
प्रदेश के 150 सरकारी आईटीआई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी के कोर्स जोड़े गए हैं. अब तक 71 नए सरकारी कॉलेज और कई विश्वविद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं. डिजिटल शिक्षा के तहत 50 लाख युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन दिए गए हैं.
रोजगार और सुरक्षा में भी सुधार
रोज़गार के विषय में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले भर्तियों में अनियमितता और पक्षपात था. अब तक 8.5 लाख युवाओं की भर्ती की गई है, जिनमें 1.75 लाख महिलाएं हैं. महिला श्रमबल भागीदारी 13.5% से बढ़कर 35% हो गई है, जबकि बेरोज़गारी दर 19% से घटकर 3% रह गई है. महिला श्रमबल की भागीदारी 13.5% से बढ़कर 35% हो गई है. बेरोज़गारी दर 19% से घटकर 3% रह गई है. सीएम युवा के तहत पहले प्रशिक्षण और स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई. परिणामस्वरूप, आज उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 65 लाख से अधिक युवाओं को सभी सेक्टरों में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है. प्रदेश में आज 7,200 स्टार्टअप और 50 इनक्यूबेटर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं.
साइबर मुख्यालय स्थापित करने की तैयारी
हाल ही में हमने 62,200 पुलिसकर्मियों की भर्ती की है, जिनमें हर जनपद और हर विधानसभा क्षेत्र से युवा शामिल हैं. पुलिस प्रशिक्षण क्षमता को 3,000 से बढ़ाकर 60,000 तक पहुंचाया गया है. पहले पुलिस का ढांचा जर्जर बैरकों पर आधारित था, लेकिन आज किसी भी शहर में जो हाई-राइज़ बिल्डिंग होगी, वह यूपी पुलिस की आवासीय सुविधा होगी, जहां पुलिस जवानों के भवन होंगे.
वर्तमान में प्रदेश के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र साइबर क्राइम है. पहले साइबर क्राइम का केवल एक थाना गौतम बुद्ध नगर में था, दूसरा थाना लखनऊ में खुला. आज सभी 75 जनपदों में एक-एक साइबर थाना सक्रिय हो चुका है. अब एक साइबर मुख्यालय बनाने की कार्रवाई प्रदेश के अंदर चल रही है, ताकि साइबर अपराध को रोकने में सरकार प्रभावी ढंग से काम कर सके. इसके अलावा, प्रदेश के सभी थानों में एक-एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना भी सरकार कर चुकी है.
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