
अहम बातें एक नजर में:
- योगी सरकार में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक
- गेहूं उत्पादन में 35% से ज्यादा और चावल में 14.7% का राष्ट्रीय योगदान
- सरयू नहर परियोजना और 31 बड़ी सिंचाई परियोजनाएं पूरी
- गन्ना उत्पादन में 55% राष्ट्रीय योगदान, किसानों को 2.6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान
- एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 2.86 करोड़ किसानों को 90,000 करोड़ रुपये की सीधी सहायता
- दलहन और तिलहन उत्पादन में 46% से ज्यादा की वृद्धि
- 89 कृषि विज्ञान केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बदला जा रहा है
- पशुपालन और गौ संरक्षण के लिए विशेष योजनाएं लागू
Yogi Government : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विजन 2047 डॉक्युमेंट्स पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते आठ वर्षों में कृषि क्षेत्र में ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो आज़ादी के बाद से 2017 तक की धीमी रफ्तार को पीछे छोड़ते हैं. अधूरी पड़ी योजनाओं को तेजी से पूरा किया गया और किसानों को आधुनिक तकनीक, सिंचाई और सीधी वित्तीय सहायता का लाभ मिला. पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर लगातार दहाई में रही है. पिछले तीन वर्षों में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर 14 प्रतिशत से भी अधिक रही है. यह राष्ट्रीय औसत 9.5 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने कहा कि यूपी के पास देश की सबसे अधिक सिंचित और उपजाऊ भूमि है. बेहतर बीज, खाद की उपलब्धता और नई तकनीक के कारण खाद्यान्न उत्पादन में यूपी का राष्ट्रीय योगदान अब लगभग 21% हो गया है, जबकि राज्य के पास देश की केवल 10% कृषि योग्य भूमि है.
सिंचाई में ऐतिहासिक छलांग
उन्होंने कहा कि 1971 में शुरू हुई सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना 50 वर्षों तक अधूरी रही. इसकी शुरुआती लागत 100 करोड़ रुपये थी, जो 2021 तक बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो गई. डबल इंजन सरकार ने इसे पूरा कर 14 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा दी. 2017 से अब तक 31 प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुईं, जिससे 23 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को पानी मिला.
गेहूं-चावल में नंबर-1, दलहन-तिलहन में बेमिसाल उछाल
उन्होंने बताया कि 2024-25 में प्रदेश ने 414.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन किया, जो देश के कुल उत्पादन का 35% से अधिक है. औसत उपज 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पहुंची, जबकि कई प्रगतिशील किसानों ने 48-50 क्विंटल तक पैदावार कर ली. चावल में यूपी का योगदान 14.7% है. दलहन उत्पादन में 46% और तिलहन में 46.6% की वृद्धि दर्ज हुई. तिलहन में राष्ट्रीय योगदान 3.5% से बढ़कर 7% और दलहन में 9.5% से बढ़कर 14.5% हुआ.
गन्ना और चीनी उद्योग में नई मिसाल
गन्ना उत्पादन 2,453.50 लाख मीट्रिक टन हुआ, जो देश के कुल उत्पादन का 55% है. 2017 से अब तक किसानों को 2.6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी से किया गया, जो 1996 से 2017 के बीच हुए कुल भुगतान से अधिक है. चीनी मिलों को लेकर उन्होंने कहा कि 120 में से 105 चीनी मिलें एक सप्ताह में भुगतान कर रही हैं. एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर हुआ और 1.7 लाख युवाओं को रोजगार मिला. मुख्यमंत्री ने बताया कि आलू उत्पादन में यूपी का राष्ट्रीय योगदान 40.7%, केला में 18.7% और सब्जियों में 19.3% है. मत्स्य उत्पादन में भी प्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है.
किसानों को मिल रही सीधी वित्तीय मदद
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.86 करोड़ किसानों को 90,000 करोड़ रुपये सीधे खातों में मिले. एमएसपी पर गेहूं, धान, मक्का, बाजरा और ज्वार की रिकॉर्ड खरीद हुई.
पशुपालन और गौ संरक्षण
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहभागिता योजना से 26,426 पशुपालकों को ₹1,500 प्रति माह प्रति गौवंश की सहायता मिल रही है. 16.35 लाख गौवंश आश्रय स्थलों में रखे गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 9 जलवायु क्षेत्रों में 89 कृषि विज्ञान केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है. कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का निर्माण तेजी से चल रहा है.
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