
mantra : ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका भक्तों की सच्ची श्रद्धा होता है। यही कारण है कि भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव के सभी मंत्रों में से ओम नमः शिवाय सबसे पसंदीदा मंत्र है। यह भगवान शिव का मूल मंत्र और सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है।
आपको बता दें कि ओम नमः शिवाय मंत्र के जाप से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल देते हैं। यह शैव सम्प्रदाय का मह्वपूर्ण मंत्र है। ओम नमः शिवाय भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा मंत्र इसलिए है क्योंकि इसका उच्चारण पहली बार भगवान विष्णु ने अपने मुख से किया था। इसके बाद इस मंत्र का जाप ब्रह्मा जी द्वारा किया गया, फिर देवों, सप्त ऋषियों, गंधर्वों, यश, शिव भक्तों और फिर लोगों द्वारा जाप किया जाने लगा। ओम नमः शिवाय’ का अर्थ है।
पहली ध्वनी ओम है
यह माना जाता है कि ब्रम्हांड की पहली ध्वनि ओम है। इस मंत्र के जाप से आध्यात्मिक, शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक शांति की प्राप्त होती है। इससे मन मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण पाने में मदद भी करता है। मंत्र ओम नमः शिवाय भक्तों को भगवान शिव से जोड़ने का कार्य करता है। इस मंत्र का जाप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
भक्तों को भगवान शिव से जोड़ने का कार्य
जैसे कि इस मंत्र का जाप करने से पहले अपने पास एक दीपक जलाएं। उसके बाद कम से कम 11 बार जाप करें। 108 बार नियमित रूप से करें। भगवान शिव को रुद्राक्ष बहुत प्रिय है, इसलिए मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करनी चाहिए। यह मंत्र को जापने जाने से व्यक्ति के मन से काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद खत्म हो जाता हैI
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