
Terrorist Arrested: यूपी एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दो पाकिस्तानी सहित 3 आतंकी को एटीएस ने गिरफ़्तार किया है। ये आतंकी नेपाल सीमा के रास्ते भारत में अवैध रूप से घुसने का प्रयास कर रहे थे। पाकिस्तानी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर खुद को भारतीय नागरिक बता रहे थे, एक आतंकी ISI की मदद से हिज्ब उल मुजाहिद्दीन से प्रशिक्षण ले चुका है। महराजगंज भारत नेपाल के सोनौली सीमा से तीन संदिग्धों के हिरासत के बाद बॉर्डर पर सुरक्षा एजेंसी अलर्ट मोड़ पर हैं।
बता दें कि महराजगंज जनपद के भारत नेपाल के सोनौली सीमा पर नेपाल से भारत मे प्रवेश करते समय सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उत्तर प्रदेश एटीएस को विगत कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सहायता से नेपाल सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले है। यह भी सूचना प्राप्त हुई थी कि ये लोग भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने का मंसूबा रखते है व आईएसआई के सहयोग से हिज़्ब उल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप मे प्रशिक्षण भी ले चुके हैं।
इन लोगों को किया गिरफ्तार
उक्त सूचना को एटीएस की फील्ड इकाई गोरखपुर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक व भौतिक सर्विलान्स करते हुए विकसित किया गया तो यह पता चला कि कि दो पाकिस्तानी व्यक्ति भारत नेपाल सीमा के तटवर्ती गाँव शेख फरेन्दा होते हुए, गुप्त रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं। आज दिनाँक 03 अप्रैल को एटीएस की फील्ड इकाई गोरखपुर द्वारा, नेपाल-भारत (सोनौली बॉर्डर) से तीन अभियुक्तों, पहला मोहम्मद अल्ताफ भट पुत्र खिजर मोहम्मद भट, निवासी-मकान नम्बर 559, सादिकाबाद, रावलपिण्डी, पाकिस्तान, दूसरा सैय्यद गजनफर पुत्र सैय्यद मोहम्मद सैय्यद, निवासी-तरामणि चौक इरफानाबाद, एफ-87, हाउस नम्बर 19, जामिया अली मुर्तजा मस्जिद, इस्लामाबाद, पाकिस्तान व तीसरा नासिर अली पुत्र गुलाम अहमद अली निवासी कराली पोरा हवल श्रीनगर जम्मू एन्ड कश्मीर, भारत को गिरफ्तार कर लिया गया।
जन्म कश्मीर में हुआ जन्म, जिहाद की ट्रेनिंग के लिए चला गया पाकिस्तान
मोहम्मद अल्ताफ भट प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि उसका जन्म कश्मीर में हुआ था और कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन के एक मिलिटेन्ट के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया। अलताफ ने बताया कि वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर, पाकिस्तान का हिस्सा बने। इसी उद्देश्य से अलताफ़ ने पाकिस्तान पहुंचकर आईएसआई के निर्देशन मे हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैम्प में जेहादी प्राशिक्षण लिया। अलताफ़ ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई, कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय लोगों को अपनी तंजीम में जोड़ रहे हैं।
नासिर ने उपलब्ध कराए फेक भारतीय आधार कार्ड
अलताफ़ हिजबुल मुजाहिदीन का साहित्य पढ़कर तथा अन्य जेहादी संगठनो के अमीर /उस्तादों की तकरीरें (भाषण) सुनकर उनसे प्रभावित हुआ। अलताफ़ ने हिजबुल के कैम्प में असलहों की ट्रेनिंग की व लम्बे समय तक कैम्प में रहकर वहां के कमाण्डरों के दिशा-निर्देशन में काम किया। अलताफ़ को एचएम के मुजाहिदों से हिदायत मिली थी कि वो खुफिया तौर से नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर, भारत में पहुंचे जहां पर उसे आगे के प्लान के बारे में बताया जायेगा।अलताफ़ को नेपाल के काठमाण्डू मे ही आईएसआई के हैंडलर के बताए अनुसार नासिर मिला जो मिला था जिसने अलताफ और गजनफर को फेक भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध करवाए और नासिर ने ही इन दोनों को शेख फरेन्दा गाँव के रास्ते भारत आने के लिए बताया था।

नासिर अली कश्मीर का रहने वाला है और व्हॉट्सअप के जरिए इसका सम्पर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई के सलीम नाम के व्यक्ति से हुआ था। सलीम ने नासिर को बताया कि तुम्हारे मामू गजनफर के साथ एक और व्यक्ति को पाकिस्तान से भेज रहा है, जो काठमाण्डु, नेपाल में मिलेंगे जिन्हे लेकर उसे जम्मू-कश्मीर भारत जाना है।

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