UP: 15 मई तक सम्पन्न करा लें विद्यालयों-विश्वविद्यालयों की वार्षिक परीक्षाएं: CM योगी
UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिगत अब तक हुए क्रियान्वयन तथा भावी योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक, कृषि तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गणों ने अपने-अपने विभागों की प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:-
उत्तर प्रदेश एनईपी को लागू करने वाला अग्रणी राज्य रहा
एनईपी का विजन उच्च शिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुये गुणवत्तापूर्ण, सार्वभौमिक एवं रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराया जाना है। उत्तर प्रदेश एनईपी को लागू करने वाला अग्रणी राज्य रहा है। बीते तीन वर्षों में इसके माध्यम से सकल नामांकन दर (Gross Enrolment Ratio) में वृद्धि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता स्तर में सुधार के लिए हुए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कौशल विकास पर देती है विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश ने एक मंडल विश्वविद्यालय का लक्ष्य पूरा कर लिया है और अब हम एक जिला-एक विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे हैं। ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को बेहतर करने में इन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना से सहायता मिल रही है। वर्तमान में उच्च शिक्षण संस्थानों में जीईआर लगभग 25% है। हमारा लक्ष्य हो कि आगामी 10 वर्षों में यह 50% से अधिक हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ज्ञान, कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देती है। युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। करिकुलम तैयार करते समय इन विषयों को केंद्र में रखा जाए।
UP: राहुल सांकृत्यायन जी के नाम पर शोधपीठ की स्थापना की जाए
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के माध्यम से स्नातक व डिप्लोमा उत्तीर्ण युवाओं को औद्योगिक संस्थानों में अप्रेंटिशशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक पिछले वित्तीय वर्ष में 53 हजार से अधिक युवा इस योजना से जुड़े और इस वर्ष अब तक 11 हजार अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया है, जिसमें लगभग 2800 युवा अप्रेंटिश कर रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों से संवाद समन्वय करते हुए अधिकाधिक युवाओं को इससे लाभान्वित कराएं। सभी शिशिक्षुओं को समय से स्टाइपेंड का भुगतान होना चाहिए। आज़मगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में महान साहित्यकार, विचारक राहुल सांकृत्यायन जी के नाम पर यथाशीघ्र शोधपीठ की स्थापना की जाए। यह पीठ राहुल सांकृत्यायन जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर शोध-अध्ययन के लिए युवाओं के लिए उचित मंच प्रदान करेगी।
UP: मल्टीपल एक्ज़िट प्रणाली को लागू किया जाए
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ( एबीसी) प्लेटफार्म पर सभी छात्रों का पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए। सभी छात्र क्रेडिट हस्तांतरण इसी प्लेटफार्म के माध्यम से प्रबंधित किये जाएं। इसके के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक करें। मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्ज़िट प्रणाली को लागू किया जाए।
कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान में अपार अवसर हैं। कॅरियर की दृष्टि से भी यह सेक्टर बड़ी संभावनाएं समेटे हुए है। हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में युवाओं का आकर्षण इस ओर देखने को मिला है। पाठ्यक्रम बढ़े हैं, छात्र बढ़े हैं। आज सभी 04 कृषि विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हो रहे हैं। कृषि से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश के कृषि शिक्षण संस्थानों के विनियमन के लिए एक व्यवस्थित संस्था की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) जैसी संस्था इस संबंध में उपयोगी हो सकती है। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएं।
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