सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दी राहत, मुख्य सचिव पद पर बने रहेंगे नरेश कुमार

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New Delhi : केंद्र सरकार ने शीर्ष न्यायालय को बताया था कि पिछले 10 वर्षों में अलग-अलग राज्यों के सेवानिवृत्त हुए मुख्य सचिवों को विस्तार दिए जाने के 57 मामले सामने आए हैं। सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल 6 माह तक के लिए बढ़ा दिया। पीठ ने कहा कि केंद्र के फैसले ने कानून या संविधान का उल्लंघन नहीं किया है।

केंद्र के पास कार्यकाल बढ़ाने की पूरी शक्ति

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन केंद्र की तरफ से पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि संशोधित कानून और अन्य प्रावधानों के मद्देनजर केंद्र के पास शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति और कार्यकाल बढ़ाने की पूरी शक्ति है।

तुषार मेहता ने क्या दिए तर्क?

सॉलिसिटर जनरल ने आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों का विरोध किया, कि मुख्य सचिव से संबंधित नए कानून में प्रावधान केवल एक परिभाषा खंड था। तुषार मेहता ने कहा कि प्रावधान स्पष्ट करता है कि मुख्य सचिव की नियुक्ति की शक्ति केंद्र के पास है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के सेवानिवृत्त मुख्य सचिवों को विस्तार दिए जाने के कम से कम 57 उदाहरण हैं।

अभिषेक सिंघवी ने क्या दिए तर्क?

अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मुख्य सचिव पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि के अलावा सौ अन्य मामलों को देखते हैं, और वे दिल्ली सरकार के विशेष क्षेत्र में हैं और इसलिए, उन्हें कॉलेजियलिटी के आधार पर अपनी बात रखनी चाहिए।

आप उन कार्यों को विभाजित नहीं कर सकते

पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव, अन्य बातों के अलावा, 1, 2 और 18 के तहत कार्य करते हैं, और आप उन कार्यों को विभाजित नहीं कर सकते हैं, जो उन प्रविष्टियों के अंतर्गत आते हैं, और जो उन प्रविष्टियों के अंतर्गत नहीं आते हैं, जैसा कि आप करते हैं करने की कोशिश की है।

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