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Punjab : सरकार का उद्देश्य आम आदमी को जमीन-जायदाद की भ्रष्टाचार मुक्त रजिस्ट्री की सुविधा देना है

Punjab : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मोहाली के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय का औचक दौरा करके नई लागू की गई ‘ईज़ी (आसान) रजिस्ट्रेशन योजना’ की प्रगति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस दौरे का उद्देश्य अधिकारियों में कमियां ढूंढना नहीं था, बल्कि सरकारी कार्यालयों में प्रक्रियाओं को और अधिक सुचारू बनाना है. उन्होंने कहा कि शायद यह पहली बार होगा जब पंजाब के लोगों ने किसी मुख्यमंत्री को इस तरह से सरकारी दफ्तरों का दौरा करते देखा होगा. भगवंत सिंह मान ने ज़ोर देकर कहा कि इस दौरे का उद्देश्य नागरिक-केन्द्रित सेवाओं को कुशल और पारदर्शी ढंग से प्रदान करके जनता की भलाई सुनिश्चित करना है.

जानें क्या है इस परियोजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दौरा इस महत्वपूर्ण परियोजना की प्रगति की समीक्षा के उद्देश्य से था, जिसका लक्ष्य लोगों के लिए संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाना है. उन्होंने कहा कि वह इस परियोजना के परिणामों का स्वयं मूल्यांकन कर सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के कार्यों की समीक्षा करना चाहते हैं. उन्होंने इस पहल को देशभर में अपनी तरह की पहली पहल बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य संपत्ति पंजीकरण को सुचारू और परेशानी रहित बनाना है.

योजना से मिलेंगे ये फायदे

योजना के फायदों को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए निजी डीड राइटरों (वसीका नवीसों) पर निर्भरता को कम करती है और नागरिकों को अपने लेन-देन का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करने की सुविधा देती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अब फीस भुगतान के लिए बैंकों में जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ऑनलाइन भुगतान प्रणाली सभी आवश्यक फीस, स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क सहित, को एकल डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से अदा करने में मदद करती है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह योजना सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिमांड ड्राफ्ट या नकद भुगतान की आवश्यकता को समाप्त करती है.

48 घंटे के भीतर रजिस्ट्री दस्तावेजों की पूर्व-पड़ताल प्रक्रिया

इस योजना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 48 घंटे के भीतर रजिस्ट्री दस्तावेजों की पूर्व-पड़ताल प्रक्रिया और अपॉइंटमेंट आधारित रजिस्ट्रेशन प्रणाली नागरिकों के लिए परेशानी को कम करते हुए पूरी प्रक्रिया को सुगम बनाती है. उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप अप्रत्यक्ष रूप से पैसों की बचत के साथ-साथ कार्य-कुशलता में भी सुधार होता है. भगवंत सिंह मान ने यह भी बताया कि ऑनलाइन पोर्टल पर पहले से निर्धारित सरकारी दरों और “कैलकुलेट माय फीस” टूल की सुविधा उपलब्ध है, जो नागरिकों को अपने खर्चों का बेहतर प्रबंधन करने की अनुमति देती है.

छिपे हुए खर्चे समाप्त होंगे और दलालों पर निर्भरता घटेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे छिपे हुए खर्चे समाप्त होंगे और दलालों पर निर्भरता घटेगी. उन्होंने कहा कि यह सुचारू और बाधारहित पंजीकरण प्रक्रिया नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों से मुक्त करने के उद्देश्य से बनाई गई है और यह योजना “आपकी संपत्ति, आपकी सुविधा” के सिद्धांत पर आधारित है.

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मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मोहाली में सफलतापूर्वक शुरू की गई इस योजना को जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि अपने 20 मिनट से अधिक समय के दौरे के दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत की और इस योजना पर फीडबैक लिया. मुख्यमंत्री ने लोगों से उनकी संपत्ति की रजिस्ट्री में लगने वाले समय के बारे में पूछा. नागरिकों ने अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए बताया कि उनका काम सुचारू रूप से और निर्धारित समय के भीतर पूरा हो गया, जिसकी जानकारी उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से मिलती रही.

पंजीकरण प्रक्रिया अधिक सुचारू और कुशल

इस पहल की सराहना करते हुए कार्यालय में मौजूद नागरिकों ने कहा कि उनकी अर्ज़ियों को तुरंत और बिना किसी अनावश्यक देरी के निपटाया गया. उन्होंने आगे बताया कि कार्यालय में प्रवेश करने से लेकर रजिस्ट्रेशन पूरा होने और रजिस्ट्री दस्तावेज़ प्राप्त करने तक की पूरी प्रक्रिया में एक घंटे से भी कम समय लगा. उन्होंने मुख्यमंत्री को इस अनूठी पहल की शुरुआत पर बधाई दी और कहा कि इससे पंजीकरण प्रक्रिया अधिक सुचारू और कुशल हो गई है.

भ्रष्टाचार को खत्म करने में जीरो-टॉलरेंस नीति की अहम भूमिका – Bhagwant Mann

मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों के कामकाज को और अधिक व्यवस्थित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब लोग बिना किसी परेशानी के अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए ज़िले के किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जा सकते हैं। भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पहल तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाएगी.

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह प्रणाली 15 जुलाई तक पूरे राज्य में लागू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से 1 अगस्त तक हर ज़िले में इस योजना का ट्रायल किया जाएगा और 1 अगस्त से इसे पूरे पंजाब में लागू कर दिया जाएगा, जिससे सभी नागरिकों को सुचारू रूप से रजिस्ट्रेशन सेवाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी.

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