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AAP राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और CM भगवंत मान की पहल, पंजाब में आएगी औद्योगिक क्रांति

Punjab Industrial Development : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राज्य को उद्योग और वाणिज्य का केंद्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 24 सेक्टर-वार इंडस्ट्रियल एडवाइजरी कमेटियों की शुरुआत की. यह देश में इस तरह की पहली पहल है, जिसे पंजाब के औद्योगिक परिदृश्य में व्यापक परिवर्तन लाने के दृष्टिकोण से शुरू किया गया है.


अब उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल

कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2022 से पहले पंजाब में राजनीतिक नेताओं द्वारा उद्योगपतियों से हिस्सेदारी मांगने की घटनाएं आम थीं. इस कारण अनेक उद्योग राज्य से पलायन कर गए और पंजाब को बेरोजगारी व नशे की गंभीर समस्या ने जकड़ लिया. लेकिन 2022 के बाद से मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने उद्योग क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम उठाए हैं.

उन्होंने बताया कि ‘फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल’ देश का सबसे आधुनिक सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम है, जो 150 से अधिक व्यापारिक सेवाएं प्रदान करता है और अब कोई भी आवेदन ऑफलाइन जमा करने की आवश्यकता नहीं रही. साथ ही, पंजाब राइट टू बिजनेस एक्ट के तहत 125 करोड़ तक के निवेश प्रस्तावों को मात्र तीन दिनों में इन-प्रिंसिपल अप्रूवल मिल जाता है.


उद्योग नीति निर्माण में अब सरकार नहीं, उद्योगपति लेंगे फैसले

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सरकार अब एक रिवर्स ट्रेंड अपना रही है, जिसमें नीतियां ऊपर से थोपने के बजाय इंडस्ट्रियल कमेटियों के सुझावों के आधार पर तैयार की जाएंगी. सरकार इन कमेटियों द्वारा लिए गए 99% फैसलों को लागू करेगी. उन्होंने कहा कि इन कमेटियों को अन्य राज्यों की सर्वोत्तम नीतियों का अध्ययन कर पंजाब में लागू करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी.

उन्होंने ‘सरकार-संनातकार मिलनी’ जैसे कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्योगपतियों को नीति निर्माण में बराबर की भागीदारी दे रही है और यही पंजाब को औद्योगिक दृष्टिकोण से सबसे आगे ले जाएगा.


कैसे बनी थी इस पहल की आधारशिला

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह विचार सितंबर 2023 में हुई सरकार और उद्योगपतियों की मीटिंग से उत्पन्न हुआ था. उसी संवाद से 24 सेक्टर-स्पेसिफिक एडवाइजरी कमेटियों का खाका तैयार हुआ. उन्होंने बताया कि ये कमेटियां प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के लिए रणनीति और रोडमैप तैयार करेंगी.

उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति तैयार करते समय इन कमेटियों को उद्योग क्षेत्र से पूर्ण भागीदारी मिलेगी. उन्होंने उद्योगपतियों से आह्वान किया कि वे नीतियों के निर्माण में खुलकर सुझाव दें और राज्य के यथार्थ, आर्थिक स्थिति और औद्योगिक शक्ति को ध्यान में रखते हुए नीति तैयार करने में भाग लें.


सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधि किए जाएंगे शामिल

मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक समिति में एक चेयरपर्सन, एक सदस्य सचिव, पंजाब ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट और जिला उद्योग केंद्रों के अधिकारी शामिल होंगे. साथ ही, बड़ी औद्योगिक इकाइयों, एमएसएमई, विभिन्न उप-क्षेत्रों और सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा ताकि निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी लोग शामिल हों और सबके लिए आसानी हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में विकास की असीम संभावनाएं हैं और राज्य इस समय एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है. इन कमेटियों की मदद से एक प्रतिस्पर्धी और भविष्य-दृष्टि वाली औद्योगिक व्यवस्था बनाई जा सकती है. उन्होंने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे भागीदार बनें और पंजाब को देश का सबसे पसंदीदा औद्योगिक व निर्यात केंद्र बनाने में सहयोग दें.


निवेश और रोजगार में पंजाब मार रहा बाजी

मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ बताया कि मार्च 2022 से अब तक पंजाब को 1.14 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 4.5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं. उन्होंने कहा कि जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, दुबई, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और स्पेन जैसे देशों ने पंजाब में निवेश को लेकर गहरी रुचि दिखाई है.

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने रियल टाइम निवेशक सहायता के लिए व्हाट्सएप, एआई चैटबॉट और कॉल सेंटर जैसे आधुनिक साधन उपलब्ध कराए हैं. साथ ही, फायर एनओसी एक्सटेंशन और लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में परिवर्तन की प्रक्रियाएं भी सरल कर दी गई हैं.


भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को नशे और भ्रष्टाचार ने लंबे समय तक बदनाम किया. लेकिन अब ‘युद्ध नशे दे विरुद्ध’ अभियान शुरू हो चुका है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि आज पंजाब की सरकार आम लोगों की है, जो हर वर्ग को समान अवसर दे रही है.

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में उद्यमियों को डराया और लूटा जाता था, लेकिन आज उन्हें सम्मान और सहयोग मिल रहा है. ये नई इंडस्ट्रियल कमेटियां राज्य में औद्योगिक विकास की गति को और तेज करेंगी और पंजाब एक बार फिर औद्योगिक प्रगति की मिसाल बनेगा.


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