
Meet Hayer’s Letter To PM : पिछली आधी सदी की सबसे भयानक बाढ़ की मार झेल रहे पंजाब को इस आपदा से उबारने और बाढ़ प्रभावित लोगों का सहारा बनने के लिए, संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है. मीत हेयर ने आग्रह किया है कि पंजाब को तुरंत 20 हज़ार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत दी जाए और नुकसान का पूरा आकलन होने के बाद व्यापक पैकेज जारी किया जाए.
इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार से पंजाब के रोके गए 60 हज़ार करोड़ रुपये के फंड तुरंत जारी करने की भी मांग की है, जिसके संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल दखल की अपील कर चुके हैं. देश का पेट भरने वाले पंजाब की मदद करना अब केंद्र का कर्तव्य बनता है.
देश के अन्न भंडार पर पड़ेगा असर
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब में आई इस भयानक बाढ़ के कारण जहां जान-माल, पशुधन और बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है, वहीं बड़े क्षेत्र में फसलों को भी भारी क्षति पहुंची है, जिसका सीधा नकारात्मक असर देश के अन्न भंडार पर पड़ेगा. जब कटाई का मौसम दरवाज़े पर था, तभी यह नुकसान हुआ. लोगों के जान-माल के साथ-साथ पशुओं का भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे डेयरी फ़ार्मिंग और पशुपालन जैसे सहायक धंधों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है.
डैम में बढ़ता जलस्तर और नुकसान
लोकसभा सदस्य ने पंजाब में आई बाढ़ के गत कारणों पर देखते हुए कहा कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते रावी नदी में आई बाढ़ से रणजीत सागर डैम का जलस्तर पिछले 10 दिनों में 25 फ़ुट बढ़ा, जिसके कारण 1988 की तुलना में अधिक पानी छोड़ा जा रहा है. इसके चलते माजे के तीन जिलों में लगभग 300 गांव बाढ़ की चपेट में आए.
इसी तरह, पोंग डैम में बढ़े जलस्तर से ब्यास नदी में छोड़े गए पानी के कारण कपूरथला और होशियारपुर जिलों के कई गाँव बाढ़ग्रस्त हो गए. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से भाखड़ा डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण सतलुज नदी किनारे के जिलों को भी बड़ी मार झेलनी पड़ी है. बीते दिन से जारी बारिश के चलते घग्गर किनारों पर हाई अलर्ट घोषित किया गया है. इसके अलावा, पंजाब में लगातार बारिश हो रही है, जो सितंबर तक जारी है.
प्रधानमंत्री से पंजाब के लिए विशेष पैकेज की मांग
मीत हेयर ने प्रधानमंत्री से इस स्थिति को देखते हुए पंजाब को विशेष केंद्रीय पैकेज देने की मांग की है. इस पैकेज में बाढ़ प्रभावित परिवारों को उचित मुआवज़ा, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण, जिसमें सिंचाई व्यवस्था और नदियों के किनारों की मरम्मत शामिल हो, होना चाहिए. साथ ही घग्गर के स्थायी प्रबंध के साथ नदियों के किनारे कम से कम साढ़े चार फ़ुट तक मज़बूती से तैयार किए जाएं.
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अपील की है कि जैसे केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था, उसी प्रकार पंजाब में भी केंद्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं का दौरा करवाया जाए ताकि वे ज़मीनी स्तर पर हुए नुकसान का स्वयं आकलन कर सकें.
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