
Punjab Flood Relief : पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त आयुक्त (राजस्व) अनुराग वर्मा ने आज फिरोजपुर और फाज़िल्का जिलों में बाढ़ राहत कार्यों का जायज़ा लिया. मौजूदा स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के लिए निर्बाध राहत उपाय सुनिश्चित किए जाएं.
बाढ़ से लगभग तीन लाख एकड़ जमीन प्रभावित
जिला फिरोजपुर में सतलुज नदी से सटे गांवों का दौरा करने के बाद वर्मा ने बताया कि भारी वर्षा के कारण राज्य में लगभग 3 लाख एकड़ जमीन प्रभावित हुई है और करीब 1.25 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं. इस मौके पर उनके साथ डिवीज़नल कमिश्नर फिरोज़पुर अरुण सेखड़ी, डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा, एसएसपी भूपिंदर सिंह सिद्धू और एडीसी दमनजीत सिंह मान मौजूद रहे.

उन्होंने ज़िले में प्रभावित ग्रामवासियों और जिला प्रशासन के साथ नुक़सान की स्थिति पर चर्चा की और कहा कि सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान-माल की सुरक्षा करना है. उन्हें सुरक्षित राहत केंद्रों में स्थानांतरित करना और सभी ज़रूरी सुविधाएं जैसे भोजन और पानी मुहैया कराना जरूरी है.
फसलों के नुकसान पर मुआवजा दे रही राज्य सरकार
वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार फसलों के नुक़सान की भरपाई के लिए विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवज़ा देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है. जिला अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से आंकड़े एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के अनुसार किसानों को उचित मुआवज़ा मिलेगा.
फिरोज़पुर ज़िले में करीब 107 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और लगभग 45,000 लोग संकट में हैं. जिला प्रशासन ने 8 राहत केंद्र स्थापित किए हैं जहां प्रभावितों को सुरक्षित रखा गया है और उन्हें भोजन, पानी व अन्य आवश्यक वस्तुएँ प्रदान की जा रही हैं.
दिन रात राहत कार्यों में जुटा प्रशासन
गांव गट्टी राजोके में ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे निकल रहा है. इस पर ड्रेनेज विभाग को जेसीबी मशीनों से जल निकासी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, सड़क पर पानी भर जाने से जिन गाँवों का संपर्क टूटा है, वहां कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए राहत कार्यों को तेज़ करने का आदेश दिया गया है.
वर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन दिन-रात राहत कार्यों में जुटा हुआ है. NDRF और BSF की मदद से तिरपाल सहित आवश्यक वस्तुएं प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई जा रही हैं. अब तक 3300 से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार हर स्तर पर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए तत्पर है. बांधों से पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया भी सभी विभागों के सहयोग से वैज्ञानिक गणनाओं के आधार पर हो रही है.
अधिकारियों के साथ की बैठक
इसके बाद उन्होंने फाज़िल्का ज़िले के जलालाबाद एसडीएम कार्यालय में बाढ़ राहत प्रबंधों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने ज़िले की ताज़ा स्थिति की जानकारी ली और डिप्टी कमिश्नर व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर ज़रूरतमंद तक राहत सामग्री पहुँचे और राहत कार्यों में कोई कमी न रहे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत कार्यों के लिए फंड की कोई कमी नहीं है. ड्रेनेज विभाग को सतलुज क्रीक के बाँधों और ड्रेनों की सतत निगरानी रखने और किसी भी प्रकार के कटाव या ब्रीच को रोकने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि ड्रेनों में पानी का प्रवाह बाधित न हो. यदि कहीं कोई रुकावट हो तो उसे तुरंत हटाया जाए ताकि ओवरफ्लो की स्थिति उत्पन्न न हो.
अधिकारियों को हिदायत, लोगों को समय पर मिले राहत सामग्री
उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि राहत शिविरों में पहुंचे लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो और प्रभावित परिवारों की पहचान सुनिश्चित करते हुए उन्हें सभी आवश्यक राहत सामग्री समय पर प्रदान की जाए.
बैठक में डिप्टी कमिश्नर अमरप्रीत कौर संधू, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) मनदीप कौर, एसडीएम कृष्ण पाल राजपूत और कमरजीत सिंह मान, सहायक कमिश्नर (जनरल) अमनदीप सिंह मावी, कार्यकारी अभियंता ड्रेनेज आलोक चौधरी और डीएसपी अविनाश चंद्र मौजूद थे.
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