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पंजाब में बाढ़ राहत के लिए स्वास्थ्य विभाग की बड़ी पहल, डॉ. बलबीर सिंह ने बताए आंकड़े और इंतज़ाम

Punjab Floods : पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा राहत अभियान की अगुवाई करते हुए, पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा के लिए एक बहुपक्षीय रणनीति अपनाई है, जो त्वरित कार्रवाई, स्थल पर उपचार और रोगों की रोकथाम पर केंद्रित है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान में कुल 818 टीमें जिसमें 458 रैपिड रिस्पॉन्स टीम और 360 मोबाइल मेडिकल टीम हैं. यह टीमें जरूरी दवाइयों से सुसज्जित होकर तैनात की गई हैं.

चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे कोई

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी व्यक्ति चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे, और हम उस वादे को पूरा कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों में प्रतिदिन चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि लगातार इलाज मिल सके. अब तक 962 शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 31,876 से अधिक मरीजों की जांच और इलाज किया गया है. मरीजों को डायरिया, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा व आंखों की एलर्जी और कुत्ते के काटने जैसी बीमारियों के इलाज की सुविधा दी गई. स्वास्थ्य टीमें गर्भवती महिलाओं की देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं और मौके पर एंटीनेटल चेकअप कर रही हैं.

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया, “हमारे पास इस आपदा से निपटने के लिए एक सशक्त प्रणाली है. राज्य के पास 66 आवश्यक दवाओं और 21 उपभोग्य सामग्रियों का पर्याप्त भंडार मौजूद है, जिन्हें विशेष रूप से बाढ़ राहत के लिए चयनित किया गया है. इसके अलावा, ज़िलों को अलग से फंड दिए गए हैं ताकि वे ज़रूरत के अनुसार दवाइयां खरीद सकें और स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हों.”

रोगों के फैलाव को रोकने के पुख्ता इंतजाम

रोगों के फैलाव को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में 11,103 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है, जो घर-घर जाकर दवाइयां बांट रही हैं और जलजनित व मच्छरजनित रोगों के प्रति जागरूकता फैला रही हैं. ये कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की निगरानी भी कर रही हैं और नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को प्रभावित नहीं होने दे रही हैं.

चिकित्सा ढांचे को और मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 170 एंबुलेंस तैनात की हैं. इस बेड़े को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), नर्सिंग कॉलेजों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से 254 अतिरिक्त पूर्ण रूप से सुसज्जित एंबुलेंस द्वारा और भी सशक्त बनाया गया है. “अब कुल 424 एंबुलेंस सेवा में हैं, जिससे हम 24×7 त्वरित चिकित्सा सेवा सुनिश्चित कर पा रहे हैं,” डॉ. बलबीर सिंह ने कहा. उन्होंने बताया कि जिला गुरदासपुर में दो विशेष बोट एंबुलेंस और गंभीर मरीजों, जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं, के आपातकालीन हवाई निकासी के लिए एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है. अब तक पांच गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकाला गया और समय पर चिकित्सा सुविधा दी गई.

322 नए मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति

फ्रंटलाइन टीमों को और मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 322 नए मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति की गई है, जिनमें से 138 अधिकारियों को विशेष रूप से सात सबसे अधिक प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है. ये अधिकारी मोबाइल टीमों और एंबुलेंस सेवाओं का नेतृत्व करेंगे, चिकित्सा शिविर आयोजित करेंगे और संभावित रोग प्रकोपों की निगरानी करेंगे.

मंत्री ने भागीदार संगठनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “हम IMA पंजाब, नर्सिंग कॉलेजों, प्राइवेट अस्पतालों और पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग के लिए आभारी हैं, जिन्होंने आगे आकर मदद की है. ये साझेदारियाँ समाज की एकजुटता का प्रमाण हैं.”

डॉ. बलबीर सिंह ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है. हमारी टीमें बिना रुके स्वास्थ्य और रोकथाम सेवाएं दे रही हैं. हम हर नागरिक को आश्वस्त करते हैं कि इस संकट के पूरी तरह समाप्त होने तक हम आपके साथ खड़े रहेंगे और हर संभव राहत प्रदान करते रहेंगे.”

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