
हाइलाइट्स :-
- प्रज्वल रेवन्ना को जेल में लाइब्रेरी क्लर्क की ड्यूटी.
- रोजाना मिलेंगे 522 रूपए.
- कोर्ट पेशियों के कारण ड्यूटी सीमित.
Prajwal Revanna Case : बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना अब परप्पन अग्रहारा जेल में लाइब्रेरी क्लर्क के रूप में काम करेंगे. इस काम के लिए उन्हें प्रतिदिन 522 रुपये की मजदूरी दी जाएगी. वे जेल में अन्य कैदियों को पुस्तकें जारी करेंगे और उनके रिकॉर्ड भी बनाएंगे, इस बात की जानकारी जेल अधिकारियों ने दी.
प्रज्वल रेवन्ना, पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी(एस) के संस्थापक एच.डी. देवगौड़ा के पोते और वरिष्ठ नेता एच.डी. रेवन्ना के बेटे हैं. एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें बलात्कार के एक मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.
जेल कैदियों के लिए श्रम करना अनिवार्य
एक जेल अधिकारी के अनुसार, यदि वे तय किए गए कार्यों को पूरा करते हैं, तो उन्हें हर दिन के लिए 522 रुपये का भुगतान किया जाएगा. जेल नियमों के तहत उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों के लिए कोई न कोई श्रम करना जरूरी होता है. अधिकारी ने बताया कि कैदियों को काम उनकी योग्यता और इच्छा के अनुसार दिया जाता है और आमतौर पर महीने में कम से कम 12 दिन यानी सप्ताह में लगभग तीन दिन काम करना अनिवार्य होता है.
एक दिन का काम कर चुके हैं प्रज्वल
रेवन्ना ने लाइब्रेरी में एक दिन का कार्य पूरा कर लिया है, लेकिन उनकी ड्यूटी फिलहाल सीमित है क्योंकि उन्हें अदालती सुनवाइयों और वकीलों से मिलने के लिए समय निकालना पड़ता है. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने जेल में प्रशासनिक काम में रुचि दिखाई थी, लेकिन उन्हें पुस्तकालय का काम सौंपा गया.
बलात्कार का आरोप, सजा सुनते ही अदालत में रो पड़े थे प्रज्वल
प्रज्वल रेवन्ना पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के चार मामले दर्ज हैं. 1 अगस्त को उन्हें एक 48 वर्षीय महिला के साथ दो बार बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराया गया था. यह महिला उनके हासन स्थित फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में कार्यरत थी. आरोपी ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया था.
सजा सुनाए जाने के बाद रेवन्ना अदालत में रो पड़े और कहा कि उनके खिलाफ शिकायत करने वाली महिलाएं जानबूझकर अभियोजन पक्ष द्वारा लाई गई थीं. इस मामले में उन्हें उम्रकैद के साथ-साथ 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा भी दी गई है.
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