Delhi NCR

प्रधानमंत्री मोदी ने धन-धान्य कृषि और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन योजना का किया शुभारंभ, किसानों को ई-खरीद से त्वरित लाभ

फटाफट पढ़ें

  • मोदी ने धन-धान्य और दलहन योजना शुरू की
  • मुख्यमंत्री सैनी ने समारोह में शिरकत की
  • योजना किसानों की आय और सुरक्षा का प्रतीक है
  • ई-खरीद पोर्टल से किसानों को तुरंत लाभ मिला
  • दलहन की खेती 2019-20 से 2024-25 बढ़ी

Delhi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित केंद्रीय समारोह में देश में धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन योजना का शुभारंभ किया. वही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.

लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर उनको नमन करते हुए सभी को हार्दिक बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन योजना देश को समर्पित की हैं.

किसानों के लिए खुशहाली का नया दौर

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल से आभार व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि हमारे किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का एक नया दौर प्रारंभ हो रहा है. यह योजनाएं राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, किसानों की आय बढ़ाने और पोषक अनाज को प्रोत्साहित करने के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं.

हमारा देश दालों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिसके कारण हमें दालों का आयात करना पड़ता है. इसी कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया है. हमारी सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. इन ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से धन्यवाद.

किसानों को ई-खरीद से त्वरित लाभ

आज जिस धन-धान्य कृषि योजना का देश के 100 जिलों में शुभारंभ किया गया है, उनमें हरियाणा का नूंह जिला भी शामिल है. प्रदेश में वर्ष 2019-20 में दलहन की खेती लगभग 1 लाख 95 हजार एकड़ क्षेत्र में होती थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2 लाख 67 हजार 500 एकड़ हो गई है.

हमने किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से पिछले 10 सीजन में 12 लाख किसानों की फसल खरीदी है. इन किसानों के खातों में एमएसपी पर फसल खरीद के तहत 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ई-खरीद एप्लिकेशन के माध्यम से घर बैठे ई-गेट पास बनाने की सुविधा दी गई है.
उनकी फसल का एग्जिट गेट पास कटने के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाता है.

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