
अहम बातें एक नजर में :
- उपराष्ट्रपति चुनाव की हलचल तेज – पीएम मोदी और जेपी नड्डा आज एनडीए के उम्मीदवार का नाम तय करेंगे.
- मीटिंग में दिग्गज नेता शामिल – राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक, अमित शाह, चिराग पासवान, श्रीकांत शिंदे, लवू कृष्ण देवरायलु और रामदास अठावले मौजूद.
- शिवसेना का पहले से समर्थन – एकनाथ शिंदे ने भाजपा उम्मीदवार को बिना शर्त समर्थन दिया.
- क्यों जरूरी हुआ चुनाव – मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया.
- चुनाव और नामांकन की तारीखें – नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त, चुनाव 9 सितंबर को होगा.
- एनडीए के पास बढ़त – संसद में बहुमत के चलते एनडीए के उम्मीदवार की जीत लगभग तय.
NDA Vice President Candidate : दिल्ली में राजनीति का पारा दिन-ब-दिन अपने चरम पर आता जा रहा है. जिसकी वजह भी बेहद खास है. जहां उपराष्ट्रपति पद का चुनाव! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करेंगे.
गुरुवार को हुई एनडीए नेताओं की हाई-लेवल मीटिंग में यह तो साफ हो गया था कि उम्मीदवार का नाम चुनने की जिम्मेदारी पीएम मोदी और नड्डा को सौंपी जाएगी. वहीं इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जो भी नाम पीएम और नड्डा तय करेंगे, एनडीए के सभी सहयोगी दल बिना शर्त उसका समर्थन देंगे.
शिवसेना ने पहले ही दिया समर्थन
हालांकि इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, लोजपा के चिराग पासवान, टीडीपी के लवू कृष्ण देवरायलु और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख रामदास अठावले भी शामिल रहे. गौर करने वाली बात यह रही कि शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पहले ही भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं.
क्यों हो रहा है चुनाव?
दरअसल, मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जबकि, उनके इस्तीफे के बाद से ही सरकार और उनके बीच मतभेद की चर्चाएं भी खूब हो रही हैं. अब चुनाव 9 सितंबर को होगा और नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है.
किसके पास बढ़त?
बता दे कि उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है. संसद में एनडीए के पास साफ बहुमत है, जिसको देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि उनके उम्मीदवार की जीत लगभग तय है. मालूम हो कि उपराष्ट्रपति न केवल देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद तैनात होते हैं, बल्कि राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं. इसलिए यह चुनाव सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति का अहम किरदार है. अब देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी और जेपी नड्डा किस चेहरे को चुनते हैं, वहीं इस बात को लेकर पूरें देश की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर कौन आने वाले सालों में संसद के ऊपरी सदन की कमान संभालेगा ?
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