Case Pendency: एक्शन प्लान तैयार कर बोझ कम करने की तैयारी

Case Pendency: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने जिला अदालतों के समक्ष लंबित मामलों, विशेष रूप से पांच साल से अधिक समय से लंबित मामलों को कम करने के लिए एक एक्शन प्लान की शुरूआत की है। 5 दिसंबर को जारी एक सर्कुलर के मुताबिक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन कोटिस्वर सिंह द्वारा अनुमोदित कार्य योजना 30 सितंबर, 2024 तक लागू रहेगी। इस पहल का उद्देश्य पुराने मामलों के निपटान को सुव्यवस्थित करना और पांच साल से अधिक पुराने मामलों की लंबितता को कम करना है। इसका लक्ष्य है कि कोई भी मामला पांच साल से अधिक समय तक लंबित न रहे।
Case Pendency: परिपत्र में दिया गया विस्तृत विवरण
5 दिसंबर को जारी परिपत्र में सिविल न्यायाधीशों और न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामले के निपटान के लिए विस्तृत रूप से विवरण किया गया हैं। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया की निगरानी करने का काम सौंपा गया है। कोर्ट ने कहा कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से अपेक्षा की जाती है कि वे कार्य योजना को लागू करने की प्रगति पर उच्च न्यायालय को मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
Case Pendency: एक्शन प्लान पर ध्यान देने की जरूरत
एक्शन प्लान में दिए गए दिशानिर्देश न्यायिक अधिकारियों को लंबे, अनावश्यक स्थगन देने के प्रति सचेत करता हैं। इसके अलावा ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीशों से अब अधिक सतर्क रहने की अपेक्षा की जाती है ताकि वे उन मामलों की सुनवाई आगे न बढ़ाएं जहां उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश पारित किया है। सर्कुलर में कहा गया है, “वे हर तारीख पर उन मामलों की स्थिति की ऑनलाइन जांच करेंगे। वे लक्षित मामलों में कार्यवाही को स्वयं रिकॉर्ड करेंगे।” अन्य पहलुओं के अलावा, उच्च न्यायालय ने प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीशों को ऐसे उपाय करने का भी निर्देश दिया है ताकि किसी न्यायाधीश के स्थानांतरण या उसके इस्तीफे या उसके लंबी छुट्टी पर जाने के कारण सुनवाई न रुके।
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