
Maithili Thakur Controversy : बिहार में लोकगीतों और भजनों से ख्याति प्राप्त करने वाली लोकगायिका मैथिली ठाकुर को बीजेपी ने अलीनगर विधानसभा से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ दिनों पूर्व ही 25 वर्षीय युवा गायिका मैथिली ठाकुर को पटका पहनाकर भाजपा की सदस्यता दिलाई थी. तब से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि भाजपा मैथिली ठाकुर को अपना प्रत्याशी बना सकती है. जैसा कि अनुमान जताया जा रहा था, भाजपा ने अपनी दूसरी सूची में दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब पार्टी में ही मैथिली को लेकर विरोध शुरू हो चुका है. भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में मैथिली ठाकुर के टिकट का विरोध करते हुए संजय उर्फ पप्पू सिंह का समर्थन करना शुरू कर दिया है.
बीजेपी के सातों मंडलों के अध्यक्षों ने दिया इस्तीफा
भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में इस कदर मैथिली ठाकुर की टिकट को लेकर नाराजगी है कि बीजेपी के सातों मंडलों के अध्यक्षों ने इस्तीफा देकर भाजपा हाईकमान को सीधे चुनौती दे दी है. इस्तीफे देने वालों में तारडीह पश्चिमी के पंकज कंठ, घनश्यामपुर पूर्वी के सुधीर सिंह, नगर मंडल के रणजीत कुमार मिश्रा, अलीनगर पश्चिमी के गंगा प्रसाद यादव, तारडीह पूर्वी के पुरुषोत्तम झा, अलीनगर पूर्वी के लाल मुखिया और घनश्यामपुर पश्चिमी के चंदन कुमार ठाकुर शामिल हैं. सातों मंडल अध्यक्षों ने मैथिली ठाकुर के खिलाफ और संजय सिंह के समर्थन में अपनी राय दर्ज कराई है.
स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप
अलीनगर विधानसभा से शीर्ष नेतृत्व द्वारा लोकगायिका मैथिली ठाकुर को सीधे टिकट देने और स्थानीय भाजपा नेताओं की अनदेखी करने को लेकर कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है. मंडल अध्यक्षों का कहना है कि अलीनगर में संगठन को मजबूत करने वाले कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया, जो सही नहीं है. उन्होंने कहा,
“हम चुनौती देते हैं कि अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में कोई भी एनडीए को जिताकर दिखा दे, तो हम यहां मुंह दिखाने भी नहीं आएंगे.”
आरजेडी ने कसा तंज
भाजपा की अंदरूनी लड़ाई के चलते बिहार में भाजपा के विरोधी दलों को अवसर मिल गया है. आरजेडी नेता इस मामले में जमकर चुटकी ले रहे हैं. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय ठाकुर ने कहा,
“भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए वे कलाकारों को चुनाव में उतार रहे हैं. कई पुराने नेता हैं जिनकी नाराजगी सामने आई है. ये नई भाजपा है. मैथिली ठाकुर लोकगायिका हैं, बिहार की बेटी हैं. लोकतंत्र में सबको अधिकार है, अब जनता तय करेगी कि क्या फैसला लेना है.”
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि बिहार की राजनीति अब सिर्फ़ नेताओं तक सीमित नहीं रही; इसमें युवा चेहरे और लोकप्रियता भी अहम हो गए हैं. मैथिली ठाकुर का टिकट नई ऊर्जा और युवा मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश है, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने संगठन की जटिलताओं को उजागर कर दिया.
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