
MP Milk Production : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के डेयरी सेक्टर को लेकर अपनी दूरदर्शिता स्पष्ट करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश को दूध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सहकारी मॉडल को मजबूत बनाकर दूध उत्पादन को बढ़ाया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा.
को-ऑपरेटिव मॉडल से बढ़ेगा दूध उत्पादन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में को-ऑपरेटिव मॉडल के माध्यम से केवल 9 प्रतिशत दूध का उत्पादन हो रहा है, जबकि इसे 25 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार आवश्यक योजनाएं बना रही है और जल्द ही ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कार्य शुरू किया जाएगा. डॉ. यादव ने कहा कि यदि सभी मिलकर प्रयास करें, तो यह संभव है कि मध्यप्रदेश आने वाले वर्षों में देश की दूध की राजधानी के रूप में पहचाना जाए.
सुशासन और सुधारों पर भी हो रही है पहल
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस चर्चा के दौरान प्रदेश में सुशासन को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ है. उनका मानना है कि जिन सुधारों पर सरकार काम कर रही है, उनसे मध्यप्रदेश देश में प्रशासनिक बेहतरी के नए मानक स्थापित करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि इन सभी सुधारों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मार्गदर्शन निरंतर मिल रहा है, जो राज्य के विकास कार्यों को दिशा देने में अहम भूमिका निभा रहा है.
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में डेयरी सेक्टर के साथ-साथ प्रशासनिक सुधारों के जरिए मध्यप्रदेश देशभर में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरेगा.
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