जातिगत पोस्टिंग का मुद्दा फिर गरमाया, अखिलेश यादव ने कहा- DGP साहब कम बोलें, मुख्यमंत्री दें जवाब

Lucknow :

अखिलेश यादव और जातिगत पोस्टिंग विवाद पर बीजेपी का पलटवार

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Lucknow : उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा पुलिस विभाग में जातिगत आधार पर पोस्टिंग के आरोपों को ‘बेबुनियाद और भ्रामक’ बताने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को इन आरोपों को फिर से दोहराया। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा, ‘डीजीपी साहब को कम बोलना चाहिए, कम से कम मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। हमने तो अभी सिर्फ कुछ जिलों का ही हाल बताया है।’

उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है कि वह अन्याय पर सवाल उठाए और वह यही कर रहे हैं। PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) वर्ग के साथ हो रहे अन्याय को उजागर कर रहे हैं।

योगी सरकार पर आरोप

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, वह सरकारी नौकरियों में वंचित वर्गों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा दिखाया गया डेटा यूपी पुलिस की एसटीएफ और प्रयागराज, चित्रकूट, महोबा और आगरा जैसे जिलों के थानों की वेबासइट से लिया गया है।

पुलिस पोस्टिंग के आंकड़ों को छिपा रही सरकार

सपा प्रमुख ने कहा, ये आंकड़े मेरे द्वारा बनाए हुए नहीं हैं, ये सरकारी वेबसाइटों से लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया को दस्तावेज और स्क्रीनशॉट दिखाए जाएं। अखिलेश ने राज्य सरकार पर पुलिस पोस्टिंग के आंकड़ों को छिपाने और गलत तरीके से प्रस्तुत करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कुछ गैर-मैदानी थानों को शामिल करके यह आंकड़े बढ़ाए जा रहे हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने अग्निपथ योजना और संविदा पर आधारित नौकरियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा, अग्निवीर योजना में स्थायी नौकरी नहीं मिलती है। उन्होंने कहा, शिक्षा क्षेत्र, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी के साथ भी भेदभाव हो रहा है। इस दौरान अखिलेश ने शिक्षा के निजीकरण और बढ़ती फीस को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि यह गांव के गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश है।

भाजपा का पलटवार

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस में जातिगत भेदभाव को लेकर उठाए गए सवालों पर भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश पर जातीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि वह झूठ बोलकर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या मुलायम सिंह यादव भी ठाकुर थे?

त्रिपाठी ने तंज कसते हुए पूछा, ‘क्या मुलायम सिंह यादव भी ठाकुर थे?’ उन्होंने कहा कि अखिलेश सिर्फ जातिगत भावनाएं भड़का कर सस्ती राजनीति करना चाहते हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘थानों में पोस्टिंग को लेकर जो झूठ बोला गया, उसका पर्दाफाश यूपी पुलिस ने खुद कर दिया है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव प्रखर हिंदुत्व से घबरा गए हैं और हिंदुओं की एकता को जातियों में बांटने की साजिश कर रहे हैं।

त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव केवल जातिगत भावनाएं भड़काकर सस्ती राजनीति करना चाहते हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस में जाति आधारित पोस्टिंग के जो आरोप उन्होंने लगाए थे, वे पूरी तरह निराधार साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश पुलिस ने खुद उनके दावों को झूठा और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है।”

हिंदुओं की एकता को जाती के आधार पर तोड़ना चाहते हैं अखिलेश यादव- प्रवक्ता

प्रवक्ता ने आगे कहा कि अखिलेश यादव प्रखर हिंदुत्व की बढ़ती स्वीकार्यता से घबरा गए हैं और अब हिंदुओं की एकता को जाति के आधार पर तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि, “66 करोड़ से अधिक हिंदू बिना किसी जातिगत भेदभाव के एक साथ सम्मिलित होते हैं, यह हिंदू एकता का प्रमाण है।”

त्रिपाठी ने दावा किया कि अखिलेश यादव का सपना हिंदू समाज को जातियों में बांटने का है, लेकिन वह कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा, “हिंदुओं की एकजुटता को तोड़ना आसान नहीं है। जनता अब जागरूक हो चुकी है और समझ चुकी है कि अखिलेश सिर्फ तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।”

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