क्या अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दौरे से मजबूत होंगे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते? जानें क्यों अहम है जे.डी वेंस का भारत दौरा

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का भारत दौरा
US Vice President JD Vance India Visit : अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस अपनी भारतीय मूल की पत्नी उषा वेंस के साथ भारत के चार दिवसीय दौरे पर हैं। यह यात्रा कई मायनों में बेहद अहम मानी जा रही है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक स्तर पर व्यापारिक असंतुलन पैदा कर दिया है, जिसका असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में अमेरिका के उपराष्ट्रपति का भारत दौरा सिर्फ कूटनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि दोनों देशों के आपसी रिश्तों को नई दिशा देने का अवसर भी है।
बता दें कि जे.डी. वेंस की यह यात्रा न केवल व्यापारिक मुद्दों को हल करने की संभावनाओं को जन्म देगी, बल्कि रणनीतिक साझेदारी, क्षेत्रीय सुरक्षा, निवेश और सांस्कृतिक जुड़ाव जैसे पहलुओं को भी मजबूती प्रदान करेगी। आइए जानें कि इस यात्रा के दौरान किन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, और यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से क्यों विशेष महत्व रखता है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत में पीएम मोदी के साथ व्यापार, शुल्क, क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी और वेंस की बैठक में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार संधि के अलावा दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के तरीके पर भी चर्चा होने की संभावना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भारतीय दल का हिस्सा होंगे। अब आपको बताते हैं कि डी वेंस का भारत दौरा क्यों अहम है।
राजनयिक संबंध होंगे मजबूत
भारत और अमेरिका दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों देश रक्षा, तकनीक व जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग लगातार बढ़ रहा हैं। वेंस का यह दौरा इन सहयोगों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी
चीन की आक्रामक रणनीति के बीच अमेरिका, भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस की भारत यात्रा इस साझेदारी को मजबूती देने के लिए अहम मानी जा रही है। वेंस के इस दौरे से ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में भारत-अमेरिका की संयुक्त भूमिका को बढ़ावा मिलेगा।
व्यापार और निवेश को बढ़ावा
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था अमेरिका के लिए एक बड़ा अवसर है। वेंस के इस दौरे से द्विपक्षीय व्यापारिक समझौतों और निवेश के नए अवसर सृजित होने की संभावना है, विशेषकर टैरिफ को लेकर भारत की चिंताओं पर भी अमेरिका का रुख साफ हो सकता है।
प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव
भारतीय मूल की उषा वेंस के साथ उपराष्ट्रपति वेंस की भारत यात्रा भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का विषय है। यह दौरा सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने का प्रतीक भी बन गया है।
वैश्विक मुद्दों पर बढ़ेगा सहयोग
जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत और अमेरिका पहले से ही साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के इस दौरे से इन क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच सहमति और मजबूत हो सकती है।
भारत में हुआ शानदार स्वागत
अमेरिका के उपराष्ट्रपति डी वेंस और उनकी पत्नी उषा का भारत पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया है। देखा जाए तो जे डी वेंस का भारत दौरा सिर्फ औपचारिक राजनयिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह दो बड़ी शक्तियों के बीच साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। वेंस का यह दौरा दोनों देशों के बीच भविष्य के संबंधों की नींव बनेगा।
यह भी जानें
इस बीच यह उल्लेख करना भी महत्वपूर्ण है कि साल 2024 के अंत में भारत और अमेरिका के संबंधों में कुछ चुनौतियां जरूर आईं, लेकिन दोनों देशों ने स्थिरता और संवाद बनाए रखा। जून 2023 से सितंबर 2024 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक-दूसरे की मेजबानी कर द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती प्रदान की।
जून 2023 में बाइडेन ने वाशिंगटन डी.सी. में मोदी की राजकीय यात्रा का आयोजन किया, जो दोनों देशों के बीच विश्वास का प्रतीक रही। इसके कुछ महीनों बाद, सितंबर 2024 में बाइडेन G20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली पहुंचे, जहां वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ द्विपक्षीय सहयोग को लेकर अहम चर्चा हुई।
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और बाइडेन की हुई मुलाकात
इसके बाद, जून 2024 में दोनों नेताओं की तीसरी मुलाकात इटली में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। इन बैठकों ने यह स्पष्ट किया कि भले ही चुनौतियां रही हों, पर भारत-अमेरिका संबंधों की बुनियाद मजबूत और दूरदर्शी कूटनीति पर आधारित है।
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