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भारत और फिजी ने बढ़ाई रणनीतिक साझेदारी, रक्षा और जलवायु सहयोग पर किए समझौते

Indo-Fiji Relation : भारत और फिजी के रिश्ते एक नए मुकाम पर पहुंच गए हैं. हाल ही में नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय वार्ता और संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामादा राबुका ने दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को रेखांकित किया. इस मुलाकात के दौरान रक्षा, समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति बनी.


साझा भविष्य की ओर बढ़ते कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत और फिजी भले ही भौगोलिक रूप से समुद्रों के आर-पार स्थित हों, लेकिन दोनों देशों की आकांक्षाएं और चिंताएं एक जैसी हैं. उन्होंने कहा, हमारी यात्राएं भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक है, एक सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र.

प्रधानमंत्री राबुका की यह पहली भारत यात्रा थी, जो उन्होंने दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के प्रधानमंत्री के रूप में की. उनकी यात्रा के दौरान भारत और फिजी के बीच सात प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें रक्षा सहयोग से लेकर आपदा प्रबंधन तक के क्षेत्र शामिल हैं.


रक्षा और समुद्री सहयोग की नई कार्य योजना

भारत और फिजी ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को गहराते हुए एक व्यापक रक्षा कार्य योजना पर सहमति जताई. इस योजना के अंतर्गत भारत फिजी की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में सहयोग देगा, जिसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम और उपकरणों की सहायता शामिल है.

मोदी ने कहा, “हमने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में परस्पर सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने का निर्णय लिया है.” यह कदम चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत की प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक उपस्थिति को भी सुदृढ़ करता है.


जलवायु परिवर्तन, एक साझा चुनौती

जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने फिजी के सामने खड़ी इस गंभीर चुनौती को स्वीकार किया. उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत, आपदा प्रबंधन और जलवायु से संबंधित खतरों से निपटने के लिए फिजी को हरसंभव सहायता देगा.

मोदी ने यह भी कहा, हम एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था का निर्माण करना चाहते हैं जो वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को महत्व दे और उनकी स्वतंत्रता, पहचान और विकास की आकांक्षाओं का सम्मान करे.


वैश्विक दक्षिण के लिए भारत की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में “वैश्विक दक्षिण” की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और बताया कि भारत कैसे विकासशील देशों के साथ साझेदारी कर एक समान और न्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था की दिशा में काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत, फिजी और अन्य प्रशांत देशों के साथ सहयोग को केवल कूटनीतिक रिश्तों तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि इसे मानवीय, पर्यावरणीय और सामाजिक स्तर तक विस्तारित करना चाहता है.


इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति की मिसाल

भारत और फिजी के बीच हुई यह उच्चस्तरीय वार्ता न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सहयोग की एक नई मिसाल भी पेश करती है. जलवायु संकट से लेकर समुद्री सुरक्षा तक, दोनों देशों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे मिलकर चुनौतियों का सामना करेंगे और साझा लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ेंगे.


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