
Madhya Pradesh Swachhata Vikas : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5वें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान और कार्यशाला में कहा कि प्रधानमंत्री जी के पहले कार्यकाल की स्वच्छता पहल ने पूरे देश में नया वातावरण बनाया. आज भारत सिर्फ आर्थिक रूप से संपन्न नहीं है, बल्कि स्वच्छता के मामले में भी दुनिया के बेहतरीन देशों में शामिल हो गया है. भोपाल देश की सबसे स्वच्छ राजधानी में से एक बन चुकी है. प्रदेश के शहर नगर निगम से मेट्रोपॉलिटन शहर की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे हैं. यह बदलाव किसी ने सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी संभव होगा.
पुरस्कार वितरण और दीपावली की शुभकामनाएं
कार्यशाला में 64 पुरस्कार वितरित किए गए. मुख्यमंत्री ने सभी सफाई मित्रों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं दीं. इस अवसर पर प्रदेश को लगभग 22,000 करोड़ की ऐतिहासिक सौगात भी दी जा रही है. इंदौर, भोपाल, उज्जैन और अन्य जगहों पर मां नर्मदा के जल से खेत सिंचित हो रहे हैं. इसके साथ ही उद्योगों और पीने के पानी की समस्या भी हल हो रही है. “नमामि नर्मदे योजना” के तहत 10,000 करोड़ की योजना शुरू की जा रही है.
बड़ी योजनाओं की सौगात
- अमृत 2.0 योजना से 7,000 करोड़ रुपए
- मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना से 5,000 करोड़ रुपए
- आगामी 3 वर्षों में लगभग 20,000 करोड़ की और योजनाएं
सिंहस्थ और विश्व स्तरीय आयोजन
सिंहस्थ का आयोजन केवल इंदौर-उज्जैन संभाग का ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा मेला है. इंदौर, देवास और बुधनी को नेशनल अवार्ड मिला है. छोटे जिले जैसे मंडला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंदसौर और टीकमगढ़ भी स्वच्छता में शामिल हो गए हैं.
ई-बसें और कचरे के ढेर हटाने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मिलकर शहरों के बड़े-बड़े कचरे के ढेर खत्म करेंगे. इसके अलावा 900 ई-बसें आने वाली हैं, जो प्रदूषण और स्वच्छता में योगदान देंगी. डॉ. मोहन यादव के इस संबोधन से स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश आज साफ-सुथरे और विकसित शहरों की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. हर योजना और पहल में जनता की भलाई, शहरों की सुंदरता और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
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