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Bihar Assembly Election 2025: क्या नीतीश कुमार फिर करेंगे सत्ता में वापसी या होगी बड़ी विदाई? जानिए 3 बड़े समीकरण जो तय करेंगे खेल का परिणाम

Bihar Assembly Election 2025 : चुनाव आयोग की तरफ से तारीखों के ऐलान के बाद से ही बिहार में सियासी पारा सातवें आसमान पर है,  मालूम हो कि इस बार बिहार में तीन राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने है. सभी पार्टियां चुनावी मैदान में उतर चुकी है. इसी बीच जो सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है वह ये कि क्या इस बार नीतीश कुमार की बिहार चुनाव में वापसी होने जा रही है या फिर उनकी विदाई, आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे वह तीन समीकरण जो बिहार विधानसभा चुनाव की दशा-दिशा को तय करेंगे.


नीतीश कुमार: बिहार की सत्ता में वापसी के लिए पूरी तरह तैयार

मालूम हो कि बिहार का कायाकल्प करने में नीतीश कुमार का एक बहुत बड़ा हाथ रहा है, चाहे वह बिजली हो, सड़क हो या फिर रोजगार, हर क्षेत्र में नीतीश कुमार की अहम योगदान रहा है. हालांकि पिछले एक सालों से विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर फिट नहीं है, साथ ही खबरें ये भी सामने आ रही थी कि बिहार के सीएम की तबीयत खराब रहती है, लेकिन जिस तरह बीते कुछ महीनों में नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं और बेटियों के लिए कई स्कीम को लॉन्च किया है, मानो एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार की सत्ता संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसके साथ ही एनडीए ने साफ कह दिया है कि नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे.


मोदी-नीतीश जुगलबंदी: एनडीए की ताकत?

पीएम मोदी और नीतीश कुमार की जुगलबंदी एक अहम फेक्टर – बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान तो हो चुका है, लेकिन अभी सीट को लेकर एनडीए के बीच तनातनी लगातार जारी है. मालूम हो कि बीते कुछ महीनों से नीतीश कुमार बिहार की जनता को नए-नए स्कीम का तोहफा दे रहे है, वहीं पीएम मोदी बीते 4 महीने में लगभग 6 बार बिहार को दौरा कर चुके है, हर बार वह बिहारवासियों को करोड़ों रूपये के प्रोजेक्ट का तोहफा देते रहें है. यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार चुनाव की तैयारी एनडीए ने कुछ महीने पहले की शुरू कर दी थी. यानि अगर यह कारगर साबित होता है तो एनडीए को इससे फायदा हो सकता है.


जनसुराज पार्टी: बिहार चुनाव की किंगमेकर बन सकती है?

मालूम हो कि एनडीए, महागठबंधन के अलावा इस एक बिहार में एक तीसरी पार्टी ने भी एंट्री की है. कई राजनीतिक पंडितों का मानना है कि जनसुराज इस बार एनडीए और महागठबंधन के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है, अगर ऐसा होता है तो दोनों ही पार्टियों का नुकसान होना तय है. यानि अगर प्रशांत किशोर की पार्टी 15 से 20 सीट भी हासिल कर लेती है तो वह बिहार चुनाव में किंग मेकर साबित हो सकते है.


एसआईआर मुद्दा: एनडीए की चुनौती?

बिहार में एसआईआर का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. इसे लेकर आरजेडी और कांग्रेस ने पूरे बिहार में जनसभाएं की थी. इन जनसभाओं में भारी भीड़ भी देखी गई थी. यानि बिहार चुनाव में एसाआईआर का मुद्दा काम करता है तो यह एनडीए के लिए चिंता का विषय हो सकता है. वहीं अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार विधानसभा रिजल्ट के बाद क्या नीतीश खुद अपना रिकॉर्ड तोड़ते है या फिर कुछ बड़ा उलटफेर हो सकता है.


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