
IAF Chief : भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने मंगलवार को थिएटर कमांड की स्थापना को लेकर जल्दबाजी न करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि भारत को अन्य देशों की नकल करने के बजाय अपनी आवश्यकताओं के अनुसार एक उपयुक्त मॉडल अपनाना चाहिए.
आर्मी वॉर कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस समय मौजूदा व्यवस्थाओं को अचानक पूरी तरह बदलकर नया ढांचा खड़ा करना कोई समझदारी नहीं होगी. उन्होंने सुझाव दिया कि इसके स्थान पर दिल्ली में एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए, जो चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अधीन कार्य करे और जहां से समन्वित रूप से निर्देश जारी किए जा सकें.
संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र हो स्थापित
वायुसेना प्रमुख ने दिल्ली में संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र स्थापित करने पर बल दिया और कहा कि हम इसी से शुरुआत कर सकते हैं. इसे लागू कर देखें कि यह कैसा काम करता है और यदि भविष्य में किसी अतिरिक्त ढांचे की आवश्यकता महसूस होती है, तभी उस पर विचार किया जाए.
एयर चीफ मार्शल सिंह की यह टिप्पणी ऑपरेशन सिंदूर के करीब साढ़े तीन महीने बाद आई है, जिसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच मजबूत समन्वय देखने को मिला था. उन्होंने कहा कि इस अभ्यास ने यह सिद्ध किया है कि वायु शक्ति की भूमिका और संयुक्त कार्यप्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र स्तर पर लिए गए निर्णय विकेंद्रीकृत ढांचे के जरिए भी सफलतापूर्वक लागू किए जा सकते हैं.
आंख मूंदकर कर नकल करने से बचने की दी सलाह
एयर चीफ मार्शल ने अंतरराष्ट्रीय मॉडलों की आंख मूंदकर नकल करने के प्रति भी सावधान किया. एयर चीफ मार्शल का कहना था कि भारत को अमेरिका या किसी अन्य देश से प्रेरणा लेकर ढांचा नहीं बनाना चाहिए, बल्कि अपनी विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर देश की अपनी परिस्थितियां होती हैं और हमें यह सोचकर आगे बढ़ना चाहिए कि हमारे लिए क्या उचित है, अन्यथा हम गलत दिशा में जा सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि हमें किसी तरह के दबाव में आकर यह नहीं सोचना चाहिए कि थिएटर कमांड को तुरंत लागू करना है. इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे और समझदारी से आगे बढ़ाना चाहिए.
भविष्य के युद्धों में संयुक्त योजना और समन्वय आवश्यक
भविष्य के युद्धों की तैयारियों को लेकर एयर चीफ मार्शल ने इस बात पर बल दिया कि शीर्ष स्तर पर संयुक्त योजना और समन्वय आवश्यक है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी थिएटर कमांडर को बैठा दिया जाए, तो वे किससे संपर्क करेंगे, निर्देश कहां से मिलेंगे? उन्होंने कहा कि केवल तकनीकी माध्यमों से यह कार्य नहीं चलेगा. अगर निर्देश शीर्ष स्तर से मिलेंगे, तो सब कुछ सुचारू रहेगा और निचले स्तर पर किसी नए ढांचे की जरूरत नहीं पड़ेगी.
एयर चीफ मार्शल की यह राय बताती है कि भारत को सैन्य संरचना में किसी भी बड़े बदलाव से पहले संतुलन, गहराई और आत्मचिंतन के साथ निर्णय लेने की आवश्यकता है.
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