
Punjab Child Marriage : पंजाब के फरीदकोट जिले के संग्राहूर (सादिक) गांव में एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के बाल विवाह की योजना को जिला बाल सुरक्षा यूनिट और अन्य संबंधित विभागों ने समय रहते विफल कर दिया. यह कार्रवाई चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर प्राप्त एक शिकायत के बाद की गई, जिसके आधार पर तुरंत टीम को मौके पर भेजा गया.
कानून के तहत सख्ती से हुई कार्रवाई
मामले की पूरी कार्रवाई किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत की गई. जब टीम मौके पर पहुंची, तो विवाह की तैयारियां चल रही थीं. अधिकारियों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए विवाह को रुकवाया और बच्ची को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया. समिति ने बच्ची की स्थिति को समझते हुए उसे काउंसलिंग दी और परिवार से भविष्य में उसकी सुरक्षा व शिक्षा की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने का वचन लिया.
मंत्री बलजीत कौर ने की सराहना
राज्य की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए कहा कि नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बाल संरक्षण कानूनों का सख्ती से पालन जरूरी है. उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार का लक्ष्य राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाना है. इसके लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और निगरानी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है.

लोगों से सहयोग की अपील
मंत्री ने लोगों से अपील की कि बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के लिए प्रशासन को सहयोग दें. यदि किसी को अपने आस-पास किसी नाबालिग के विवाह की जानकारी हो तो वह तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दें. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी. इसके साथ ही, ऐसे मामलों की निगरानी और फॉलो-अप कार्रवाई लगातार की जाएगी ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके.
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