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बारिश में टमाटर हुआ लाल, 100 रुपये किलो तक पहुंचा भाव, मुंबई से दिल्ली-NCR तक हाहाकार!

फटाफट पढ़ें

  • बारिश से टमाटर फसल खराब
  • सप्लाई कम, दाम बढ़े
  • आम आदमी की जेब पर असर
  • बड़े उत्पादक राज्य प्रभावित
  • हर मानसून में बढ़ती कीमतें

Tomato cultivation in India : पिछले कुछ दिनों से टमाटर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. अब बाजारों में टमाटर 80 से 100 रुपये किलो तक बिक रहा है.

बारिश का मौसम शुरू होते ही एक बार फिर टमाटर का रंग लाल होने लगा है. भारतीय बाजारों में टमाटर की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, और अब यह 80 से 100 रुपये किलो तक बिक रहा है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन कीमतों में और वृद्धि हो सकती हैं. भले ही लोग सरकार को कोसते हुए टमाटर खरीद रहे हों, लेकिन आज हम आपको इसके लाल होने का कारण बताएंगे. साथ ही इस पर भी बताएंगे कि हर साल इस मौसम में टमाटर के दाम क्यों बढ़ जाते हैं.

बारिश से फसल और सप्लाई पर असर

बता दें कि किसी भी सब्जी के महंगे होने का सबसे पहला कारण उसकी सप्लाई में कमी आना होता है. तेज बारिश के चलते टमाटर की खेती पर असर पड़ता है, साथ ही पानी भरने के चलते किसान फसल नहीं निकाल पाते हैं. इस मौसम में ट्रांसपोर्टेशन को लेकर भी कई तरह की चुनौतियां होती हैं. ऐसे में इसका सीधा असर बाजार और मंडियों की कीमतों पर पड़ता है. मंडियों तक नई फसल पहुंचने में देरी होने से टमाटर के दाम लगातार बढ़ जाते हैं और सप्लाई आने तक ये महंगे ही रहते हैं.

महंगाई से बिगड़ा रसोई का बजट

बढ़ती महंगाई का सबसे गहरा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है. इससे न सिर्फ रोजमर्रा का बजट गड़बड़ा जाता है, बल्कि घर का पूरा खर्च भी डगमगा जाता है, जहां पहले लोग 200 से 300 रुपये में पूरे हफ्ते भर की सब्जी ले आते थे, अब केवल टमाटर ही 80 से 100 रुपये में मिल रहा है. ऐसे में पूरे महीने का बजट संभालना मुश्किल हो जाता है. लोग खाने-पीने में कटौती करने लगते हैं. सब्जी में जहां पहले एक पूरा टमाटर इस्तेमाल होता था, अब आधा टमाटर ही डालना पड़ता है. सब्जी मंडी से भी लोग अब पहले की तरह एक किलो टमाटर नहीं खरीदते, बल्कि कीमतें घटने की उम्मीद में सिर्फ एक पाव या आधा किलो लेकर लौट आते हैं.

भारी बारिश से फसल और सप्लाई पर असर

अब सवाल उठता है कि आखिर मानसून के दौरान ही टमाटर और बाकी सब्जियों के दाम क्यों बढ़ने लगते हैं. इसका कारण हम आपको पहले भी बता चुके हैं, ये बारिश की वजह से होता है. जिन राज्यों से टमाटर आते हैं, वहां भारी बारिश के चलते फसल को नुकसान पहुंचता है. साथ ही कई किसानों के खेतों में पानी भर जाता है, जिससे वो समय पर टमाटर की फसल नहीं काट पाते हैं. इससे मार्केट में नए टमाटर की कमी होती है और इसका असर कीमतों पर देखने को मिलता है.

भारत में टमाटर उत्पादन के प्रमुख राज्य

भारत में कई राज्यों में टमाटर की खेती होती है, लेकिन कुछ ज्यादा उत्पादन मध्य प्रदेश में होता हैं, जो देश की कुल पैदावार का 14.63 प्रतिशत देता है. इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तमिलनाडु और ओडिशा का नंबर आता है. हालांकि मानसून के दौरान बाढ़ जैसी स्थितियों से इन राज्यों की फसल प्रभावित होती है, जिससे टमाटर की सप्लाई घटती है और दाम बढ़ जाते हैं.

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