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पंजाब में बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण मामलों में बड़ी कार्रवाई, दो गिरफ्तार, 33 संदिग्धों की पहचान

Punjab News : बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन ने विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार से संबंधित सामग्री (सी एस ई ए एम) को देखने, प्रसारित करने और साझा करने में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है तथा 33 संदिग्धों की पहचान की है. यह जानकारी डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने दी.

यह ऑपरेशन “सी एस ई ए एम-4” गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई 4सी) से प्राप्त साइबर टिप-लाइनों के आधार पर 18 जिलों और तीन कमिश्नरेटों में 40 स्थानों पर चलाया गया.

इसकी रिपोर्ट न करना पोक्सो एक्ट के तहत दंडनीय अपराध

उल्लेखनीय है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि सी एस ई ए एम सामग्री को देखना, रखना और इसकी रिपोर्ट न करना पोक्सो एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है. सी एस ई ए एम से आशय किसी भी ऐसी सामग्री से है जिसमें बच्चों के यौन शोषण से संबंधित फोटो, वीडियो या अन्य मीडिया शामिल हो, जिसका निर्माण, संग्रहण या प्रसार अवैध है और जो बच्चों की मानसिक सेहत पर गंभीर और दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है.

प्लेटफार्मों से मिले डिजिटल साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया

गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान खन्ना के राजस्थान कॉलोनी निवासी आकाश बाबू और रूपनगर के मुरिंडा के गांव बूरमाजरा निवासी हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है. डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि स्टेट साइबर क्राइम सेल ने अपराधियों का पता लगाने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों से मिले डिजिटल साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया.

गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पंजाब भर में 33 संदिग्धों की पहचान की गई और एडीजीपी साइबर क्राइम वी. नीरजा के नेतृत्व में फील्ड यूनिट्स की टीमों को कार्रवाई के लिए भेजा गया. इस छापेमारी के दौरान दो एफआईआर दर्ज की गईं, 34 मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनका डिलीटेड डेटा पुनः प्राप्त करने के लिए फॉरेंसिक विश्लेषण करवाया जा रहा है. इस मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है.

डीजीपी ने कहा कि जांच के आधार पर आगे और एफआईआर दर्ज की जाएंगी और सी एस ई ए एम अपराधों में शामिल सभी संदिग्धों को गिरफ़्तार किया जाएगा.

I4सी रिपोर्ट्स का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा

एडीजीपी वी. नीरजा ने बताया कि विशेष रूप से व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर सी एस ई ए एम सामग्री के आधार पर साइबर टिप-लाइन्स जनरेट होती हैं. इंस्पेक्टर प्रभजोत कौर के नेतृत्व में स्टेट साइबर क्राइम कार्यालय की सी सी पी यू डब्ल्यू सी यूनिट द्वारा अपराधियों और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए I4सी रिपोर्ट्स का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है.

दोनों दर्ज एफआईआर का विवरण साझा करते हुए एडीजीपी ने बताया कि जिला खन्ना के साइबर क्राइम थाना में आई टी एक्ट की धारा 67बी के तहत एफआईआर नंबर 8 दिनांक 26/6/2025 दर्ज की गई है, जिसमें आरोपी आकाश बाबू न केवल सी एस ई ए एम सामग्री देखता था बल्कि इसे अन्य ग्रुप्स में भी शेयर करता था.

दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए

रूपनगर जिले के साइबर क्राइम थाना में आई टी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर नंबर 7 दिनांक 26/6/2025 दर्ज की गई है, जिसमें आरोपी हरप्रीत सिंह कथित तौर पर पीड़ित को नग्न तस्वीरें साझा करने के लिए ब्लैकमेल कर रहा था और नाबालिग बच्चों का यौन शोषण कर रहा था. दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और डिलीटेड डेटा की जांच की जा रही है.

पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना

एडीजीपी वी. नीरजा ने कहा कि आई टी एक्ट 2000 की धारा 67बी और पोक्सो एक्ट की धारा 15 के तहत बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखना, साझा करना या संग्रहित करना गंभीर अपराध है, जिसकी सजा पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना है.

स्थानीय साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते

बताया गया कि पंजाब पुलिस के सभी 28 जिलों और कमिश्नरेटों में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन स्थापित हैं, जो साइबर अपराधों की जांच के लिए साइबर इन्वेस्टिगेशन और टेक्निकल सपोर्ट यूनिट्स से सुसज्जित हैं. आम नागरिक किसी भी सहायता या बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री की रिपोर्ट करने के लिए स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन या अपने स्थानीय साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते हैं.

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