पटनाः क्या इस देश को हो गया बिहार फोबिया-नीरज कुमार सिंह

पत्रकार वार्ता करते जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार सिंह।
Neeraj on Reservation: बिहार में जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार सिंह ने पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा इस देश को बिहार फोबिया तो नहीं हो गया है? बिहार जातिगत जनगणना करवाता है तो पूरे देश में जातिगत जनगणना पर चर्चा शुरू हो जाती है। बिहार विशेष राज्य का दर्जा मांगता है तो पूरे देश में विशेष राज्य पर चर्चा शुरू हो जाती है। बिहार आरक्षण बढ़ाता है तो पूरे देश में आरक्षण पर चर्चा शुरू हो जाती है। बिहार महिलाओं को 50% आरक्षण देता है तो पूरे देश में 50% महिला आरक्षण लागू हो जाता है। आप बिहारी हैं तो बिहारी फोबिया रखिए और गर्व से रखिए।
‘12 राज्यों में गरीब सवर्णों के नहीं दिया जा रहा आरक्षण’
नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सब जानते हैं कि बिहार में कुल आरक्षण की सीमा 75% है। बिहार सरकार ने बिहार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में जातिगत आरक्षण का दायरा 50% से बढ़कर 65% कर दिया है। इस देश में अभी भी 12 ऐसे राज्य हैं, जहां सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर गरीबों को 10% आरक्षण भी शुरू नहीं किया गया है।
‘तीन राज्यों में आरक्षण 50 प्रतिशत से भी कम’
उन्होंने कहा, देश में तीन ऐसे राज्य हैं जहां आप 50% से भी कम आरक्षण दिया जाता है। उन्होंने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा जातिगत आरक्षण का दायरा 50% से अधिक बढ़ाए जाने पर इसे असंवैधानिक बताया गया।
‘कई राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण’
वह बोले, संविधान के अनुसार देश में जातिगत आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं बढ़ सकता लेकिन देश के कई राज्यों में 50% से अधिक जातिगत आरक्षण दिया जाता है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2019 में गरीबों को 10% आरक्षण देकर 50% से आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 60% कर चुकी है। यह संविधान में संशोधन करके बढ़ाया गया है। 2021 में देश की सर्वोच्च अदालत ने भी इस 10 प्रतिशत आरक्षण को संवैधानिक बताया था।
‘कई भाजपा शासित राज्यों में भी सवर्णों को आरक्षण नहीं’
नीरज कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा शासित प्रदेश में कानून संशोधन और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश तथा एनडीए शासित और केंद्र शासित प्रदेश जैसे लक्षद्वीप, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, अंडमान निकोबार, पांडिचेरी, अध्यक्ष चंडीगढ़ में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर गरीबों को 10% आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
‘कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में भी जातिगत आरक्षण कम’
देश में भाजपा शासित राज्य हरियाणा, गुजरात, गोवा और असम में जाति के आधारित 50% जातिगत आरक्षण लागू नहीं है। इसके अलावा दादरा नगर हवेली और चंडीगढ़ जैसे केंद्र शासित प्रदेश में भी 50% जातिगत आरक्षण नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि एक देश एक कानून की बात करने वाली भाजपा अपने शासित राज्यों में जाति आधारित 50% आरक्षण लागू क्यों नहीं कर रही है?
Neeraj on Reservation: ‘गुमराह क्यों कर रहे सुशील मोदी’
बीजेपी शासित राज्य लक्षद्वीप, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है? सुशील मोदी संविधान की नौवीं अनुसूची के मुद्दे पर गुमराह क्यों कर रहे हैं? यदि बीजेपी जाति आरक्षण की समर्थक है तो इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं कर रही है?
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
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