
हिमाचल प्रदेश में दोबारा प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत NDRF की एक टीम वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को जानकारी देने के लिए दो दिवसीय दौरे पर शिमला जा रही है। NDRF टीम के साथ संयुक्त निदेशक कुणाल सत्यार्थी और वरिष्ठ सदस्य कृष्णा स्वरूप वत्स वरिष्ठ टीम के साथ दो दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंचे।
सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को नुकसान की रिपोर्ट भेजी गई
इस बैठक में राज्य सरकार की क्षति रिपोर्ट की समीक्षा के बाद अब यह समूह अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान पर चर्चा करेगा। केंद्रीय टीम राज्य के अधिकारियों को बताएगी कि आपदा के बाद राज्य की क्या जरूरतें होंगी। यह राज्य सरकार को भविष्य में संभावित नुकसान को रोकने के लिए अस्थायी और स्थायी उपाय करने के लिए प्रेरित करता है। सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को 3 नुकसान की रिपोर्ट भेजी गई थी।
दो प्रकार की मदों में पैसा देता है केंद्र
केंद्र सरकार NDRF के तहत राज्य को एक निश्चित राशि प्रदान करती है। इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर NDRF राज्य की सहायता करेगा। तीसरा कदम यह तय करना है कि भविष्य में देश में किस प्रकार की इमारतें निर्माण के लिए उपयुक्त होंगी।
हिमाचल सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को तीन रिपोर्ट भेजी हैं।
15 जुलाई को राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ से 4,500 करोड़ रुपये के नुकसान की पहली रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद 6,700 करोड़ रुपये की दूसरी रिपोर्ट 11 अगस्त को और 9,900 करोड़ रुपये की तीसरी रिपोर्ट 5 अक्टूबर को भेजी गई।
केंद्र दो प्रकार की मदों में पैसा खर्च करता है
केंद्र सरकार राज्य को दो तरह की लाइनों के जरिए पैसा देती है। पहला बिंदु यह है कि रिकवरी एवं रेस्टोरेशन का 40 प्रतिशत पैसा NDRF को जाएगा। इसके बाद 30 प्रतिशत धनराशि मानसून आपदा के बाद प्रदान की जाएगी।
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