डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा भारत में परंपरागत चिकित्सा का अमूल्य इतिहास

डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस एडनॉम घेबियस 16 अगस्त को गुजरात के गांधीनगर में डब्ल्यूएचओ के प्राचीन औषधि विश्वस्तरीय बैठक यानी की डब्ल्यूएचओ ट्रेडिशनल मेडिसिन ग्लोबल समिट में शिरकत करने पहुंचे थे। इसी दौरान टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने भारत के बारे में कहा की भारत में परंपरागत चिकित्सा यानी की आयुर्वेद का अमूल्य इतिहास है, जिसमें की योग का प्रमुख स्थान है। योग ने विभिन्न रोगों में दर्द निवारक का काम किया है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा की परंपरागत औषधियों ने नॉन कम्युनिकेबल डिजीज, मेंटल हेल्थ और अनादि प्रकार के रोगों का उपचार ढूंढा है।
टेड्रोस ने आगे कहा की प्राचीन दवाइयों ने मनुष्यों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने के लिए अहम योगदान दिया है। टेड्रोस ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि “कल मुझे गुजरात में एक वेलनेस और हेल्थ सेंटर का दौरा करने का सौभाग्य मिला, जो 1000 घरों के लगभग 5000 लोगों को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करता है। जिस तरह से वें दवा का उपयोग कर सेवाओं की डिलीवरी का विस्तार कर रहे हैं और यात्रा पर दृष्टि समय और धन की बचत कर रहे हैं, उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। सभी के लिए स्वास्थ्य इसी तरह दिखता है और पारंपरिक चिकित्सा को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर कैसे एकीकृत किया जा रहा है। पारंपरिक चिकित्सा के बारे में महान विचारों में से एक मानव स्वास्थ्य और हमारे पर्यावरण के बीच संबंधों की समझ है। यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ संस्थानों से जामनगर में वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को उजागर करने के लिए देशों का समर्थन करने का आह्वान कर रहा है। जिसे मुझे पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लॉन्च करने का सम्मान मिला था।
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