
जोशीमठ में पुनर्निमाण के आर्थिक पैकेज के लिए कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अगुवाई में 15 सदस्यी दल जोशीमठ पहुंचा है, जो आपदा के बाद हुए नुकसान और रिकवरी की जरूरतों का व्यापक मूल्याकंन करेगा। टीम की रिपोर्ट के बाद ही तय हो पाएगा कि केंद्र को भेजे गए आर्थिक पैकेज प्रस्ताव में से कितनी धनराशि मंजूर होगी।
जोशीमठ आपदा के बाद पुनर्निर्माण के आर्थिक पैकेज को लेकर कवायद शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एनडीएमए की पोस्ट-डिजास्टर नीड्स असेसमेंट की 15 सदस्यीय टीम जोशीमठ पहुंच गयी है। ये टीम जोशीमठ भूं-धसाव प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन की टीम के साथ आपदा से हुए नुकसान का आकलन करेगी।
इसमें क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों, सड़क, बिजली की लाइनों, पानी की लाइनों, विभागीय संपत्तियां, विस्थापन के लिए चिह्नित की गई जमीन के अलावा हर उस चीज का आकलन किया जाएगा, जिस भूधंसाव से नुकसान पहुंचा है।
इसके अलावा टीम वहां नये सिरे से कंस्ट्रक्शन प्लान तैयार कर तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी। टीम ने जोशीमठ नगर पालिका सभागार में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की जानकारी ली है। डीएम चमोली हिमांशु खुराना ने टीम को जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्रों और आपदा राहत कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बैठक के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिककरण के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी ने बताया कि उनकी टीम जिला प्रशासन चमोली को तकनीकी सहयोग दे रहे हैं। टीम भविष्य में आपदा जोखिम को कम करने के लिए भी सुझाव देगी। केंद्र से आई टीम जोशीमठ में आपदा के बाद हुए नुकसान का नए सिरे से आकलन कर रिपोर्ट केंद्र को देगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड सरकार की ओर से मांगे गए लगभग तीन हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज को फाइनल किया जाएगा।