यूपी के वाहन मालिकों को मिलेगी नई स्मार्ट आरसी, माइक्रोचिप में रहेगा पूरा डेटा

यूपी के वाहन मालिकों को मिलेगी नई स्मार्ट आरसी
Lucknow : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने डिजिटल यूपी मिशन को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इसी कड़ी में अब मोटर वाहनों की पंजीयन पुस्तिका को चिपयुक्त स्मार्ट कार्ड के रूप में जारी किया जाएगा। इस फैसले से वाहन स्वामियों को दस्तावेज़ संभालने में आसानी होगी और सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता आएगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में वाहन खरीदने वालों को भी दिल्ली की तर्ज पर स्मार्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) मिलेगी। इसमें सिम कार्ड जैसी माइक्रोचिप लगी होगी, जिसमें वाहन से जुड़ा पूरा डेटा सुरक्षित रहेगा। इससे वाहन स्वामियों को पुरानी कागजी आरसी रखने की जरूरत नहीं होगी। यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। इस नई सुविधा से लोगों की कई समस्याएं खत्म होंगी और वाहन पंजीकरण प्रक्रिया अधिक डिजिटल और सुगम होगी।
ये फायदे होंगे
- आरसी के गीले होने, कटने-फटने की समस्या समाप्त होगी।
- डुप्लीकेसी रोकने के लिए माइक्रो चिप में डेटा सुरक्षित रहेगा।
- उच्च गुणवत्ता वाली टिकाऊ आरसी मिलेगी, जिससे दीर्घकालिक उपयोग संभव होगा।
- पुलिस एवं परिवहन अधिकारियों के लिए जांच प्रक्रिया होगी आसान।
- डिजिटलाइजेशन से भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक।
स्मार्ट कार्ड में कैसे सुरक्षित रहेगा डेटा?
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि स्मार्ट कार्ड आरसी में दो प्रकार के डेटा संग्रहित होंगे। पहला, भौतिक रूप से दिखने वाला भाग और दूसरा कार्ड रीडर मशीन से पढ़ा जाने वाला भाग।
भौतिक भाग में ये जानकारी मिलेगी
- वाहन का पंजीयन नंबर, तिथि और वैधता
- चेचिस नंबर, इंजन नंबर, स्वामी का नाम और पता
- ईंधन का प्रकार, प्रदूषण मानक, वाहन का मॉडल और रंग
- सीटिंग, स्टैंडिंग और स्लीपिंग क्षमता
- वजन क्षमता, हॉर्स पावर, व्हील बेस और फाइनेंसर का नाम
मशीन से पढ़े जाने वाले भाग में यह विवरण होगा
- पंजीयन और वाहन स्वामी की पूरी जानकारी
- चालान, परमिट और फाइनेंसर से संबंधित डेटा
- ट्रेलर/सेमी ट्रेलर अटैच होने की दशा में विवरण
- आर्टीकुलेटेड वाहन व रिट्रोफिटमेंट से जुड़ी जानकारी
जांच प्रक्रिया होगी पारदर्शी और सरल
- योगी सरकार के इस निर्णय से परिवहन विभाग और पुलिस की जांच प्रक्रिया को डिजिटल रूप से मजबूत किया जाएगा।
- कार्ड रीडर के जरिए मौके पर ही आरसी की सत्यता जांची जा सकेगी।
- कोई भी फर्जीवाड़ा या डुप्लीकेट आरसी बनाना असंभव होगा।
- डिजिटलीकृत प्रक्रिया से वाहन स्वामियों को लंबी सरकारी प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी।
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