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रोहू बनी पंजाब की राज्य मछली, मत्स्य पालन से बढ़ेगा रोजगार और राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

फटाफट पढ़ें

  • पंजाब ने रोहू को राज्य मछली घोषित किया
  • मत्स्य पालन से हर साल 2 लाख टन उत्पादन
  • रोहू मछली प्रोटीन और ओमेगा-3 से भरपूर
  • 637 लाभार्थियों को मिला स्व-रोजगार अवसर
  • राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बल

Punjab News : राज्य की जलजीव विविधता के संरक्षण और इसे प्रोत्साहित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज अपने कार्यालय में रोहू (लाबियो रोहिता) को पंजाब की राज्य मछली घोषित किया.

राज्य के समृद्ध जलजीव संसाधनों पर प्रकाश डालते हुए खुड्डियां ने कहा कि पंजाब का मत्स्य पालन क्षेत्र लगातार प्रगति की ओर अग्रसर है. वर्तमान में राज्य में 43,683 एकड़ क्षेत्र में मत्स्य पालन किया जा रहा है, जिससे सालाना लगभग 2 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है. इस उत्पादन में रोहू मछली का महत्वपूर्ण योगदान है, जो 42,353 मीट्रिक टन (कुल उत्पादन का 21.18 प्रतिशत) है. इसकी कीमत 160 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है. यह मूल्यवान मछली अपने फ्यूसीफॉर्म शरीर और बड़े साइक्लोइड स्केल्स के कारण प्राकृतिक जलस्रोतों में 45 किलोग्राम तक बढ़ सकती है.

प्रोटीन और ओमेगा-3 से भरपूर

उन्होंने आगे बताया कि रोहू मछली प्रोटीन, विटामिन ए, बी और डी, तथा ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है. इस कारण यह न केवल पंजाब में बल्कि अन्य राज्यों में भी स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन के रूप में लोकप्रिय है.

खुड्डियां ने इस क्षेत्र के विकास में मत्स्य पालन विभाग और सहयोगी संस्थानों की भूमिका की सराहना करते हुए रोहू को राज्य मछली घोषित करने पर उन्हें बधाई दी, उन्होंने इंडियन मेजर कार्पस (आइ.एम.सीज़) – रोहू, कतला और मृगल – के महत्व पर भी प्रकाश डाला.

637 लाभार्थियों को मिला रोजगार

विभाग के प्रधान सचिव राहुल भंडारी ने कहा कि रोहू को राज्य मछली घोषित करने से जलस्रोतों में इसकी संख्या बढ़ाने और एक्वाकल्चर उत्पादन में वृद्धि के लिए लक्षित नीतियां तैयार की जाएंगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पीएमएमएसवाइ योजना के तहत बड़े पैमाने पर मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करते हुए 637 लाभार्थियों को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं, जिन पर 30.63 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है. इस पहल का उद्देश्य कृषि से संबंधित राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है. इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग के निदेशक गुरप्रीत सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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