
फटाफट पढ़ें
- मंत्री ने मोदी से बड़ी मदद मांगी
- बाढ़ से 4 लाख एकड़ फसल बर्बाद हुई
- केंद्र पर पंजाब से भेदभाव का आरोप
- आपदा फंड खर्च की अनुमति चाहिए
- पोटाश ड्रिलिंग में अन्य राज्यों से भेदभाव
Punjab News : पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज प्रदेश के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उदारता दिखाने की अपील की है.
यहाँ पंजाब भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बरिंदर कुमार गोयल ने बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित पंजाब दौरे के लिए उनका स्वागत करते हुए कहा कि वे पंजाब को बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में कम से कम 25 हजार करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की घोषणा करें. इसके अलावा केंद्र सरकार के पास पहले से बकाया 60 हजार करोड़ रुपये भी तुरंत जारी किए जाएं. उन्होंने कहा कि निसंदेह प्रधानमंत्री बाढ़ आने के 25 दिन बाद पंजाब का दौरा करने वाले हैं, लेकिन इस संबंध में अब तक उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.
लगभग 4 लाख एकड़ फसल पूरी तरह तबाह
मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि प्रारंभिक आकलनों के अनुसार लगभग 4 लाख एकड़ की फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं, उन्होंने कहा कि हालांकि जल संसाधन विभाग के धुसी बाँध कहीं नहीं टूटे, लेकिन पानी के ओवरफ्लो होने के कारण नुकसान वाले बाँधों और अन्य नुकसान को ठीक करने के लिए पानी उतरने के बाद बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जाने हैं, उनके लिए भी फंड की आवश्यकता होगी, उन्होंने कहा कि सड़कों के टूटने के कारण मंडी बोर्ड को भी भारी नुकसान हुआ है. इसी तरह स्कूलों और कॉलेजों की लगभग 3300 इमारतें प्रभावित हुई हैं. इसके अलावा बिजली के हजारों खंभे गिर गए व ट्रांसफॉर्मर पानी में डूब गए हैं, इन नुकसानों की भरपाई के लिए तुरंत फंड की जरूरत है.
राहत में देरी पर बरिंदर गोयल ने जताई नाराजगी
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के साथ केंद्र सरकार द्वारा लगातार भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता रहा है, उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों को प्राकृतिक आपदाओं के समय तुरंत विशेष पैकेज की घोषणा की जाती है, लेकिन पंजाब के संबंध में केंद्र सरकार अब तक सिर्फ टीमों के जरिये रिपोर्टें ही हासिल कर रही है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान के भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए तो राहत सामग्री तुरंत भेज दी, लेकिन पंजाब के लिए अब तक केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया.
सामाजिक संस्थाएं मदद कर रही
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि देश भर की सामाज-सेवी संस्थाएं पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद लगातार कर रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब तक रिपोर्टें ही इकट्ठा करने में ही व्यस्त है जबकि प्रदेश की पूरी त्रासदी पूरी दुनिया के सामने है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले दिनों बाढ़ का जायजा लेने के लिए पंजाब दौरे के बाद बाढ़ के लिए माइनिंग को कारण बताने संबंधी दिए गए बेबुनियाद बयान से प्रदेश के जख्मों पर नमक ही छिड़का गया है.
एक सवाल के जवाब में बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि पंजाब सरकार के पास इस समय आपदा प्रबंधन फंड में 13 हज़ार करोड़ रुपये हैं, लेकिन केंद्र सरकार की शर्तों के कारण प्रदेश सरकार को यह पैसा खर्च करने की अनुमति नहीं है, उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह आपदा प्रबंधन फंड संबंधी नियमों में ढील दे ताकि प्रदेशवासियों का भला हो सके.
केंद्र का पंजाब के प्रति पक्षपाती रवैया
केंद्र के पंजाब के प्रति पक्षपाती रवैये के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में पोटाश मिलने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. उन्होंने कहा कि नजदीकी राज्य राजस्थान में पोटाश मिलने पर केंद्र ने 150 स्थानों पर ड्रिलिंग की और आक्शन भी की पर पंजाब में महज नौ स्थानों पर ही ड्रिलिंग की गई, उन्होंने कहा कि महीने पहले इस संबंध में वे केंद्रीय मंत्री से भी मिले थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा फंड में से फसल खराबी के लिए राज्यों को महज 8200 रूपये प्रति एकड़ देने के लिए पाबंद किया गया है, जो बेहद नगण्य राशि है, उन्होंने प्रधानमंत्री से पुनः अपील की कि डिजास्टर फंड का पैसा प्रदेश सरकार को उपयोग करने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि राज्यों को जमीनी हकीकत का ज़्यादा पता होता है.
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