
Chandigarh : पंजाब के बागवानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत के निर्देशों के तहत बागवानी विभाग राज्य में फसली विविधता को प्रोत्साहित करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रहा है। राज्य सरकार की किसान-हितैषी योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। पंजाब सरकार किसानों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।
‘नौकरी के बजाय खेती चुन रहे हैं किसान’
बागवानी निदेशक श्रीमती शैलेंद्र कौर ने बताया कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए जिला लुधियाना के गांव सराभा का किसान हरबीर सिंह आज पॉलीहाउस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहा है और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुका है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद हरबीर ने नौकरी की बजाय खेती को अपना मुख्य व्यवसाय चुना और पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर नए मानदंड स्थापित किए।
पॉलीहाउस खेती से हो रहा लाखों का मुनाफा
किसान हरबीर सिंह का कहना है कि बागवानी विभाग की ओर से उसे पॉलीहाउस खेती से संबंधित पूरी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि आज वह पॉलीहाउस के तहत बीजरहित खीरा, रंगीन शिमला मिर्च, खरबूजे, आलू और मेथी की खेती कर 12 से 14 लाख रुपये तक का औसत मुनाफा कमा रहा है।
बागवानी विभाग से मिल रही है मदद
किसान हरबीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 में पारंपरिक ढंग से सब्जियों की खेती में बदलाव करते हुए उसने करतरपुर स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सब्जियां) से प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसने बताया कि बागवानी विभाग के अधीन चल रही योजना ‘राष्ट्रीय बागवानी मिशन’ के अंतर्गत सब्सिडी लेकर पॉलीहाउस लगाया। इस पॉलीहाउस में रंगीन शिमला मिर्च और बीजरहित खीरे की खेती शुरू की।
इस खेती के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए वह समय-समय पर बागवानी विभाग के अधिकारियों से संपर्क करता रहा। किसान ने बताया कि खेती में पूरी मेहनत, काम के प्रति समर्पण, समस्याओं को गहराई से समझना और बागवानी विभाग के अधिकारियों से मिली सहायता ही उसकी सफलता की कुंजी है।
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