ग्रामीण क्षेत्रों में पीने वाले साफ पानी और स्वच्छता सेवाओं को यकीनी बनाया जाए : हरदीप सिंह मुंडिया

Meeting for water supply : आज यानि शुक्रवार को चंडीगढ़ में जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री ने एक मीटिंग की. बताया गया कि मंत्री के तौर पर पद संभालने के बाद विभाग की शुरुआती मीटिंग के दौरान यह कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने राज्य भर के राजस्व दफ़्तरों ( पटवारखानों) में विशेष तौर पर महिला स्टाफ और आने-जाने वालों के लिए शौचालय मुहैया करवाने पर ज़ोर दिया।
पानी की बर्बादी पर सख्त रुख
पानी को कीमती स्रोत बताते हुये मुंडिया ने अधिकारियों को हिदायत की कि पानी की बर्बादी करने वालों को वाटर एक्ट के अंतर्गत जुर्माना करके सख़्ती से रोका जाये. जिससे सभी घरों को निर्विघ्न पानी की सप्लाई यकीनी बनाई जा सके। इसके इलावा, उन्होंने सभी परिवारों (कुल 35 लाख में से 12 लाख) जिनके पास पानी के अपने निजी स्रोत हैं, को भी सरकारी जल सप्लाई स्रोतों के साथ जोड़ा जाए।
प्रोजक्ट को समय से पूरा करने को कहा
पानी की गुणवत्ता पक्ष से प्रभावित और पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए 2174 करोड़ रुपए की लागत के साथ मंज़ूर किये गए 15 बड़े स्तर के नहरी जल सप्लाई प्रोजेक्टों को समय पर मुकम्मल करने के बारे मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा शुरू किये गए सभी प्रोजेक्टों में पारदर्शिता और ईमानदारी प्रमुख होनी चाहिए। इस के अलावा, मंत्री ने ग्राम पंचायत जल और सेनिटेशन समितियों द्वारा शुरू की गई स्कीमों को प्रभावशाली ढंग के साथ लागू करने के लिए ’एम-ग्राम सेवा एप’ का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित किया। मंत्री ने कहा कि पानी के बेहतर प्रबंधन के लिए गांवों में जागरूकता फैलाने के मद्देनज़र एक व्यापक मुहिम शुरू की जानी चाहिए।
कई मुद्दों पर दी जानकारी
इस मौके कैबिनेट मंत्री मुंडिया को बताया गया कि मौजूदा समय में 153 ब्लॉकों की 11467 ग्राम पंचायतों में कुल 9492 स्कीमें चल रही हैं। इस के अलावा, नाबार्ड 22 से 29 तक, 700 गांवों में 469 स्कीमें लागू की गई हैं, जबकि नाबार्ड 30 के अधीन 160 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट वित्त विभाग के पास पेश किए गए हैं। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अधीन राज्य के 963 गांवों ने ओ.डी.एफ. प्लस का दर्जा प्राप्त किया है।
लैबोरेट्री नेटवर्क के विस्तार करने पर जोर
कैबिनेट मंत्री ने लैबोरेट्रीज के नेटवर्क में विस्तार करने और बायोलॉजिकल पैरामीटर टेस्टिंग के लिए सभी 31 लैबों, जिन में एक स्टेट- कम- रैफरल लैब, छह क्षेत्रीय लैब, 17 ज़िला स्तरीय लैब, और 7 ब्लॉक स्तरीय लैब शामिल हैं, को एन. ए. बी. एल. मान्यता देने के निर्देश दिए। मीटिंग में प्रमुख सचिव जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग नीलकंठ एस. अवध और विशेष सचिव जल सप्लाई और सेनिटेशन अमित तलवार आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट : अमित कुमार, संवाददाता, चंडीगढ़
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