
Kolkata rape and murder Case : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप मामले में मृतका के माता-पिता का एक बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में साथ देने वालों का आभार जताया वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान पर दुख जताया.
‘शुरू से ही विभाग मामले को दबाने की कोशिश कर रहा’
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले में मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने कहा, हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो लोग हमारे लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, हम उनके हमेशा आभारी रहेंगे, अगर हम उनकी कोई मदद कर सकते हैं तो हम जरूर करेंगे. हम पुलिस के काम के संतुष्ट नहीं थे इसलिए हम हाई कोर्ट के पास गए थे और कोर्ट ने यह मामला CBI को दिया. संदीप घोष रोज CBI के पास जा रहे हैं. हमें शुरू से ही विभाग(आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) पर शक था. शुरू से ही विभाग मामले को दबाने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने हमें बहुत देरी से सूचना दी, उनके विश्वास पर ही हमने बेटी को छोड़ा था.
‘हम न्याय नहीं चाहेंगे, ऐसा कैसे हो सकता है?’
वहीं सीएम ममता बनर्जी के बयान पर माता पिता ने कहा कि उन्होंने(ममता बनर्जी) कल जो कहा उससे हमें दुख हुआ, परिवार न्याय नहीं चाहता का क्या मतलब है, पूरा देश हमारी बेटी के लिए लिए न्याय की मांग कर रहा है और हम न्याय नहीं चाहेंगे, ऐसा कैसे हो सकता है?… जो चाहे जो बोले हम अपना दुख किसी को नहीं समझा सकते.
मृत्यु के समय के मामले में फंसा नया पेंच
वहीं इस मामले में अब एक नया पेंच फंस गया है. दरअसल श्मशान घाट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जारी सर्टिफिकेट में मृत्यु का समय अलग अलग दर्शाया गया है. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. श्मशान घाट प्रबंधक के अनुसार, मृत्यु प्रमाणपत्र देखने के बाद समय (12:44) लिखा गया था, मामले में मैनेजर ने कहा, ”अगर कोई मुझसे कहे तो मैं अब और नहीं लिख सकता. यह समय मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखा गया था. इसलिए हमने इसे लिखा. कोई त्रुटि नहीं है. वही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का समय 9 अगस्त को सुबह 3 से 6 बजे के बीच बताया गया है.
माता-पिता को पहले क्षण से गुमराह किया जा रहा था
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा मीडिया चैनलों द्वारा एक्सेस की गई आरजी केएआर फोन कॉल ऑडियो रिकॉर्डिंग साबित करती है कि माता-पिता क्या कह रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने भी क्या संकेत दिया था. माता-पिता को पहले क्षण से गुमराह किया जा रहा था। सबूत नष्ट किए जा रहे थे. यह व्यवस्थित और संस्थागत लीपापोती का प्रयास दिखाता है. वे इसके लिए इतने उत्सुक क्यों थे? और फिर 4 घंटे में प्रिंसिपल को प्रमोट कर देते हैं. सबूत मिटाओ, बलात्कारी बचाओ पर बेटी को न्याय दिलाओ क्यों नहीं? ममता बनर्जी, वह पूरे भारत में हिंसा की धमकी देती हैं और INDI गठबंधन चुप है!
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