
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केन्द्र सरकार द्वारा करतारपुर कॉरिडोर को खोलने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उनका पूरा मंत्रिमंडल 18 नवंबर को रवाना होने वाले जत्थे में शामिल रहेगा। चन्नी ने कहा, हमारी प्रार्थना रंग लाई।
आज फिर से खोले जायेंगे करतारपुर कॉरिडोर
चन्नी ने कहा , “ मैंने पीएम, गृहमंत्री से गलियारा खोलने की मांग की थी और आखिर इसे खोलने का फैसला लिया गया। इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।“
सीएम चन्नी बोले- हमारी प्रार्थना रंग लाई
चुनावी राज्य पंजाब में गुरु पर्व से ठीक पहले केन्द्र सरकार ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व से दो दिन पहले करतारपुर कॉरिडोर खोलने की घोषणा कर दी । गृहमंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट जारी कर करतारपुर साहिब कॉरिडोर को बुधवार से खोलने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। शाह ने ट्वीट के जरिए कहा कि एक बड़े फैसले के तहत मोदी सरकार ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को 17 नवंबर से दोबारा खोलने का फैसला किया है। इससे बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं को लाभ होगा। यह फैसला श्री गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय को ले कर मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है।
In a major decision, that will benefit large numbers of Sikh pilgrims, PM @Narendramodi govt has decided to re-open the Kartarpur Sahib Corridor from tomorrow, Nov 17.
— Amit Shah (@AmitShah) November 16, 2021
This decision reflects the immense reverence of Modi govt towards Shri Guru Nanak Dev Ji and our Sikh community.
दूसरे ट्वीट में शाह ने कहा, देश 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव मनाने के लिए तैयार है। मुझे भरोसा है कि मोदी सरकार के इस फैसले से देश भर में आनंद में बढ़ोत्तरी होगी।
https://twitter.com/AmitShah/status/1460520062557646849?s=20
गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व 19 नवंबर को है। पहले जत्थे में 250 श्रद्धालु पाकिस्तान जाएंगे। कुल 1500 लोगों को वीजा जारी की जाएगी।
पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी के चलते इस गलियारे को बंद कर दिया गया था। 19 नवंबर को गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के लिए श्रद्धालु पूरे कोरोना नियमों का पालन करते हुए दर्शन के लिए जा सकेंगे। सभी यात्रियों के लिए टीकाकरण और निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट जरूरी है।
बहरहाल , इस फैसले को अगले साल फरवरी – मार्च में होने वाले विधान सभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ नाराज सिख समुदाय सरकार के इस फैसले से कितना खुश होती है ये आने वाला वक्त ही बताएगा।