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जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की बढ़ी मुश्किलें, SIT ने कोर्ट में दाखिल की याचिका

Jyoti Malhotra Spy Case : पाकिस्तान के लिए जासूसी के गंभीर आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम SIT ने करीब 2500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है. ज्योति को 16 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के 90वें दिन यानी 14 अगस्त को चार्जशीट दायर की गई.

इस मामले की जांच के लिए एसपी शशांक कुमार सावन ने एक विशेष एसआईटी का गठन किया था, जिसका नेतृत्व डीएसपी सुनील कुमार कर रहे थे. टीम में इंस्पेक्टर निर्मला, साइबर सेल इंचार्ज अमित और स्पेशल स्टाफ से एसआई सतपाल शामिल थे. टीम ने तीन महीने तक मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड, अंतरराष्ट्रीय यात्रा और संदिग्ध संवादों की गहन जांच की.


गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप

चार्जशीट में बताया गया है कि ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी और लगातार उनसे संवाद कर रही थी. जांच में उसके मोबाइल और लैपटॉप से ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनमें पाक उच्चायोग में तैनात एहसान-उर-रहीम, दानिश अली, और अन्य पाक एजेंट जैसे शाकिर, हसन अली और नासिर ढिल्लों के साथ उसकी बातचीत रिकॉर्ड की गई है.

चार्जशीट के मुताबिक, ज्योति उन सवालों के उत्तर भी देती थी जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा भेजे जाते थे. पुलिस का दावा है कि उसने भारत की गोपनीय जानकारियां साझा कीं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती थीं.

ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने कहा कि उन्हें अब तक चार्जशीट की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन मिलते ही वे उसका अध्ययन करेंगे और सभी सवालों का जवाब देंगे.


पहलगाम हमले से संभावित कनेक्शन पर जांच जारी

जांच एजेंसियां ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ केवल जासूसी ही नहीं, बल्कि कश्मीर के पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले में उसकी भूमिका को लेकर भी संदेह जता रही हैं. एसआईटी इस पहलू पर फिलहाल जांच कर रही है. ज्योति की पाकिस्तान यात्रा हमले से कुछ दिन पहले हुई थी और वह पहलगाम में वीडियो शूट करते भी देखी गई थी.

हालांकि, पहलगाम हमले के संबंध में फिलहाल कोई औपचारिक आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन एसआईटी इसे एक संभावित लिंक मानकर जांच को आगे बढ़ा रही है.


कानूनी स्थिति और अगली पेशी

ज्योति मल्होत्रा पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत आरोप लगाए गए हैं. उस पर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने, जासूसी करने और गोपनीय दस्तावेज साझा करने जैसे गंभीर आरोप हैं.

चार अगस्त को उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हिसार कोर्ट में छठी पेशी हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी. अब अगली पेशी 18 अगस्त को होगी.


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