
MP Memorial Looted : मध्य प्रदेश के सतना जिले में असामाजिक तत्वों ने शहीद सम्मान को गहरा आघात पहुंचाने का काम किया है. जिले के नागौद तहसील के ग्राम सेमरी स्थित CRPF के वीर सब इंस्पेक्टर मनमोहन सिंह की याद में बनवाए गए स्मारक से चोरी और तोड़फोड़ की गई है. स्मारक से उनकी प्रतीकात्मक बंदूक चोरी कर ली गई है और साथ ही चोरों ने स्मारक पर लगी टोपी को भी पास की जमीन पर फेंक दिया.
यह घटना तब सामने आई जब मंगलवार सुबह कुछ ग्रामीणों ने स्मारक की हालत बिगड़ी हुई देखी और तत्काल पुलिस को सूचना दी. इस कृत्य से पूरे गांव में गुस्सा और पीड़ा का माहौल है, क्योंकि यह स्मारक न सिर्फ शहीद की वीरता का प्रतीक है बल्कि गांव की पहचान और सम्मान का भी प्रतीक रहा है.
ग्रामीणों ने की सुरक्षा की मांग
सूचना मिलने पर नागौद थाना प्रभारी अशोक पांडे मौके पर पहुंचे और स्मारक का निरीक्षण किया. उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस गंभीर कृत्य के दोषियों को जल्द ही पकड़कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि इलाके के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, और स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हुए कहा कि यह घटना सिर्फ एक चोरी नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र और गांव के आत्मसम्मान पर सीधा हमला है. उनका कहना है कि यदि समय रहते उचित निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की जाती, तो यह दोबारा नहीं होता.
पहले भी हो चुकी है ऐसा घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब इस शहीद स्मारक को अपवित्र किया गया हो. अक्टूबर 2020 में भी स्मारक से बंदूक और टोपी चोरी हो चुकी है, जिसके बाद ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से उन्हें दोबारा स्थापित किया गया था. लेकिन यह स्मारक गांव से कुछ दूरी पर सुनसान इलाके में स्थित होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बना हुआ है. यही कारण है कि असामाजिक तत्वों को इस तरह की हरकतें करने में आसानी मिलती है.
ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि शहीदों की स्मृति को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी कौन उठाएगा? क्या सिर्फ औपचारिकताएं निभाकर हम अपने वीरों का सम्मान कर सकते हैं?
राष्ट्रीय अस्मिता का सवाल, केवल जांच नहीं कार्रवाई ज़रूरी
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक शहीदों के स्मारकों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती, तब तक ऐसी शर्मनाक घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी. ग्रामीणों ने मांग की है कि शहीद स्मारकों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए, ताकि ऐसा कृत्य दोबारा करने की किसी की हिम्मत न हो.
यह घटना सिर्फ एक चोरी नहीं है, बल्कि यह यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वास्तव में अपने शहीदों के बलिदान का सम्मान कर पा रहे हैं. जब तक उनकी यादों की रक्षा नहीं की जाएगी, तब तक हमारा राष्ट्र कृतज्ञ नहीं कहा जा सकता.
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