
आज यूपी समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया. जिसके साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता (Code of Conduct) भी लागू हो गई. चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने के लिए ही चुनाव आयोग ने कुछ नियमों को बनाया है. उसे ही आचार संहिता कहा जाता है. आचार संहिता लागू होने के बाद कुछ नियमों में बदलाव हो जाता है. जिससे सरकारें निहत्थी हो जाती है और चुनाव आयोग ताकतवर हो जाता है.
क्यों निहत्थी हो जाती हैं सरकारें ?
आचार संहिता लगने के बाद सरकार का कोई भी मंत्री, विधायक यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी से नहीं मिल सकता. इस दौरान सरकारी विमान, गाड़ियों का इस्तेमाल किसी पार्टी या कैंडिडेट को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता. मंत्रियों-मुख्यमंत्री सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने आधिकारिक निवास से अपने ऑफिस तक केवल सरकारी काम के लिए ही कर सकते हैं.
ताकतवर हो जाता है चुनाव आयोग
इसके अलावा राज्य सरकार का कोई भी मंत्री या कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता सायरन वाली कार का इस्तेमाल नहीं कर सकता, चाहे वो गाड़ी निजी ही क्यों न हो. आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का ट्रांसफर भी नहीं कर सकती. इसके अलावा सरकारी कर्मचारी और अधिकारी चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं. आचार संहिता के बीच सख्त नियमों का पालन किया जाता है. जिससे चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र कराया जा सके.









