
Bareilly malaria outbreak : उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश ने लोगों के स्वास्थ पर गंभीर असर डालना शुरू कर दिया है. हाल ही में हुई बारिश के बाद बरेली में जलजमाव की स्थिति बन गई है, जिससे मच्छरों की तादाद में भारी इजाफा हुआ है. इसके चलते मलेरिया का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. शनिवार को मलेरिया के 17 नए मामलों की पुष्टि हुई, जिससे जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 1656 तक पहुंच गई है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब छोटे बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
बच्चों में संक्रमण की पुष्टि
जिला अस्पताल के हार्ट वार्ड में इस समय पांच मलेरिया मरीज भर्ती हैं. इनमें गुलाबनगर क्षेत्र से आया दो साल का बच्चा भी शामिल है, जिसे 30 अगस्त को खांसी, बुखार और जुकाम की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में मलेरिया की पुष्टि होते ही उसे मलेरिया वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया. इसके अलावा, कैंट इलाके के एक चार वर्षीय बच्चे में भी तेज बुखार और खांसी के लक्षण पाए गए, जो मलेरिया संक्रमित निकला. इससे पहले भी कई बच्चे इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं.
लक्षण दिखते ही जांच जरूरी
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय मोहन अग्रवाल के अनुसार, बच्चों में मलेरिया के लक्षण बड़ों की तुलना में जल्दी दिखाई देते हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मलेरिया की दवा का कोर्स अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि इससे परजीवी फिर से सक्रिय हो सकता है.
मलेरिया से बचाव के उपाय
बीमारी की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना जरूरी है:
- मच्छरदानी का नियमित प्रयोग
- घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने देना
- मच्छर भगाने वाले उपकरण और रिपेलेंट का उपयोग
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना
मलेरिया के प्रमुख लक्षण
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- बदन दर्द
- अत्यधिक थकान
- उल्टी या दस्त
जिला प्रशासन की कार्रवाई
जिला मलेरिया अधिकारी सत्येंद्र कुमार के अनुसार, संक्रमण के मामले सामने आने पर संबंधित क्षेत्रों में फीवर सर्वे, एंटी-लार्वा स्प्रे और फॉगिंग कराई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लार्वा नष्ट करने और लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं. अब तक 1249 मरीजों का इलाज हो चुका है, जबकि 407 मरीज़ अभी भी घर पर इलाज करा रहे हैं. इसके साथ ही जिले में डेंगू के भी 8 मामले सामने आए हैं.
जलभराव और मच्छरों की बढ़ती संख्या ने जिले को मलेरिया की चपेट में ला दिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद संक्रमण की रफ्तार धीमी नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में लोगों को सतर्क रहना और स्वास्थ्य नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है.
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