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पंजाब में रिकॉर्ड 310 करोड़ लेबर सैस संग्रह, श्रमिक कल्याण को मिलेगी मजबूती

Punjab Labour Cess Collection : वित्तीय वर्ष 2024-25 में पंजाब सरकार ने लेबर सैस के रूप में रिकॉर्ड 310 करोड़ की राशि एकत्र की है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है. वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 203.94 करोड़ था, जबकि 2022-23 में 208.92 करोड़ और 2023-24 में 180 करोड़ एकत्र किए गए थे. इस उल्लेखनीय वृद्धि ने राज्य के श्रमिक कल्याण कार्यक्रमों को एक नई दिशा दी है.

सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही का परिणाम

राज्य के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने इस सफलता को पंजाब सरकार की पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में श्रम विभाग ने सैस संग्रह की प्रक्रिया को सरल और व्यवस्थित बनाया है. डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से सटीकता और दक्षता सुनिश्चित की गई है, जिससे संग्रहण में पारदर्शिता आई है.

सौंद ने बताया कि यह सैस निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु खर्च किया जाता है. इसमें स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा जैसी योजनाएं शामिल हैं. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक वित्तीय सफलता नहीं, बल्कि श्रम क्षेत्र में सरकार के बेहतर प्रशासन और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रतीक है.

श्रमिकों के हितों के लिए का पूरा ध्यान

श्रम मंत्री ने बताया कि लेबर सैस मुख्यतः राज्य में चल रही निर्माण परियोजनाओं से एकत्र किया जाता है, ताकि निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर को बेहतर किया जा सके. इसके तहत सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की गई हैं.

श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पंजाब बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड और पंजाब बिल्डिंग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड ने वजीफा योजना, एलटीसी योजना और शगुन योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की शर्तों को सरल किया है. इसके साथ ही श्रम विभाग ने विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत दी जाने वाली सभी सेवाओं और औद्योगिक योजनाओं को पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा दिया है, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और श्रमिकों के लिए सुगम हुई है.

यह उपलब्धि न केवल सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि राज्य के निर्माण श्रमिकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम भी है.

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