
अहम बातें एक नजर में :
- उत्तर प्रदेश सरकार ने साइबर अपराध और डेटा सुरक्षा के लिए जीरो टॉलरेंस नीति लागू की.
- UPSIFS, लखनऊ और नोएडा पुलिस ने “साइबर क्राइम एवं डाटा प्रोटेक्शन: चुनौतियां और उपाय” पर कार्यशाला आयोजित की.
- कार्यक्रम में उद्यमी, व्यापारी संगठन, पुलिस अधिकारी, विवेचक और साइबर अपराध के पीड़ित शामिल होंगे.
- विशेषज्ञों के अनुभव और सुझावों से राज्य में डिजिटल सुरक्षा मजबूत करने की रणनीति तैयार होगी.
- यह पहल सुरक्षित डिजिटल भविष्य बनाने और सभी के लिए जागरूकता बढ़ाने का अवसर है.
Data Protection : आज डिजिटल दुनिया में साइबर अपराध और डेटा चोरी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे आम नागरिक, व्यापारी और सरकारी संस्थान भी सुरक्षित नहीं हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस चुनौती का सामना करने के लिए कदम बढ़ाया है और राज्य में जीरो टॉलरेंस नीति लागू की है. इसी दिशा में UPSIFS, लखनऊ और नोएडा पुलिस एक विशेष कार्यशाला आयोजित कर रहे हैं, जहाँ देश-विदेश के विशेषज्ञ साइबर सुरक्षा, डेटा संरक्षण और कानूनी पहलुओं पर अपने अनुभव साझा करेंगे. यह कार्यशाला न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को समझने का अवसर है, बल्कि सुरक्षित डिजिटल भविष्य के लिए प्रभावी कदम उठाने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है.
कार्यशाला की तारीख, समय और प्रतिभागी विवरण
इस कार्यशाला का विषय है, “साइबर क्राइम एवं डाटा प्रोटेक्शन: चुनौतियां और उपाय”. यह कार्यक्रम 22 अगस्त 2025 को सुबह 11 बजे पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय, सेक्टर 108, गौतमबुद्धनगर में आयोजित किया जाएगा. इस कार्यशाला में उद्यमी, व्यापारी संगठन, पुलिस अधिकारी, विवेचक, अभियोजन अधिकारी और साइबर अपराध के पीड़ित भी शामिल होंगे.
साइबर सुरक्षा पर समाधान की दिशा में कदम
कार्यशाला का उद्देश्य है कि साइबर अपराध और डेटा सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को समझा जाए और इनके समाधान के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जा सके. इस अवसर पर डॉ. जी.के. गोस्वामी, संस्थापक निदेशक UPSIFS, लखनऊ, और श्रीमती लक्ष्मी सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्धनगर, भी शामिल होकर अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे.
याद रहे, इससे पहले UPSIFS ने 18 से 20 अगस्त 2025 तक एक अंतरराष्ट्रीय त्रिदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया था. इसमें देश-विदेश के विशेषज्ञ साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा, डिजिटल डेटा संरक्षण और कानूनी पहलुओं पर विचार व्यक्त कर चुके हैं. इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी ने किया था.
साइबर सुरक्षा और सुरक्षित डिजिटल वातावरण का निर्माण
उत्तर प्रदेश सरकार के लिए साइबर अपराध रोकना और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना एक शीर्ष प्राथमिकता है. इस कार्यशाला के माध्यम से तैयार की जाने वाली रणनीति राज्य में साइबर अपराध की रोकथाम और डिजिटल सुरक्षा को मजबूत बनाने में सहायक होगी. सभी उद्यमी, व्यापारी, अधिकारी और नागरिक इस कार्यक्रम में आमंत्रित हैं ताकि वे अपने विचार साझा कर सकें और सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाने में सहयोग कर सकें.
UPSIFS और नोएडा पुलिस की साइबर सुरक्षा पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने साइबर अपराध और डेटा सुरक्षा को गंभीरता से लिया है. जिसके चलते जीरो टॉलरेंस नीति भी लागू की है. वहीं UPSIFS, लखनऊ और नोएडा पुलिस की यह कार्यशाला न सिर्फ साइबर सुरक्षा के मुद्दों को समझने का मौका देती है, बल्कि समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञों के अनुभव और सुझावों से तैयार की जाने वाली रणनीति राज्य में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत बनाएगी.
इस कार्यशाला में उद्यमी, व्यापारी, अधिकारी और नागरिक सभी को आमंत्रित किया गया है ताकि वे अपने विचार साझा कर सकें और मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य बना सकें. यह पहल स्पष्ट रूप से दिखाती है कि सुरक्षित डिजिटल दुनिया अब सिर्फ आवश्यकता नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक जिम्मेदारी भी है.
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